प्यारे बच्चों!! कहानियों के संसार में से आज हम आपके लिए लेकर आये है कुछ ऐसी अनोखी कहानियां जो शायद आपने पहले कभी पढ़ी या सुनी भी नहीं होगी। मुझे उम्मीद हैं कि आपको ये बच्चों की कहानियाँ पिटारा जरूर पसंद आयेंगी।
तो आईये चले कहानियों के संसार में और शुरू करते हैं छोटे बच्चों की कहानियाँ पिटारा।
-: बच्चों की कहानियाँ पिटारा :-
कुत्ता और इंसांन की दोस्ती
ये तब की बात है जब इंसान और कुत्ते में कोई दोस्ती नहीं थी। जब इंसान कुत्ते को नहीं जानता था यानि दोनों एक दूसरे से बिल्कुल अनजान थे।
कुत्ता उस समय जंगल में ही रहता था। एक बार उसने सोचा कि यार, ये भी कोई जिंदगी है! न कोई दोस्त बस अकेलापन। इसलिए कोई न कोई दोस्त तो जरूर होना ही चाहिए। लेकिन मैं तो उसी से दोस्ती करूँगा जो सबसे ताकतवर होगा।
इसलिए कुत्ता एक सबसे ताकवर दोस्त की तलाश में जंगल की ओर चल पड़ा। चलते चलते रास्ते में उसे एक भेड़िया मिला जो उससे थोड़ा बड़ा और ताकतवर भी था।
उसने भेड़िये से कहा कि क्या तुम मुझसे दोस्ती करोगे। भेड़िये ने कहा – हां क्यों नहीं, जरूर।
कुत्ता अब एक दोस्त को पाकर बहुत खुश हुआ। इसके बाद भेड़िया कुत्ते को लेकर अपने घर ले गया।
जब रात ज्यादा गहराने लगी तो जंगल में से जानवरों की तेज आवाजे आने लगी। ये देखकर कुत्ते से रहा नहीं गया और वो भी उसी दिशा मे मुँह करके जोर जोर से भोंकने लगा जिधर से जानवरों की आवाजे आ रही थी।
कुत्ते को भोंकते हुए देखकर भेड़िये ने कहा – अरे मित्र तुम ये क्या कर रहे हो? ऐसे तो हम दोनों मारे जायेंगे! क्यूँकि अगर उन्होंने तुम्हारी आवाज सुन ली तो तो वो हमें ढूंढते हुए यहाँ तक आ जायेंगे।
भेड़िये की ये बात सुनकर कुत्ता सोच में पड़ गया कि यार इसे तो मैंने सबसे ताकतवर समझा था लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं हैं। ये भी किसी से डरता है लेकिन वो हैं कौन जिससे ये इतना डरता हैं। अगर ऐसा हैं तो फिर मैं उसी से दोस्ती करूँगा।
अगली सुबह कुत्ता फिर से उस ताकतवर दोस्त की तलाश में निकल पड़ता है जिससे भेड़िया डर रहा था।
रास्ते में उसकी मुलाक़ात शेर से होती हैं। शेर का रौबदार शरीर देखकर पहले तो कुत्ता थोड़ा डर जाता है लेकिन फिर भी हिम्मत करके कहता हैं कि आप तो इस जंगल में सबसे ताकतवर हो। क्या आप मुझे अपना दोस्त बनाओगे?
शेर ने कहा – वैसे तो कोई मुझसे दोस्ती नहीं करना चाहता क्यूंकि सब मुझसे डरते है फिर भी पहली बार कोई मुझसे दोस्ती का हाथ बड़ा रहा है तो मैं मना नहीं करूँगा। ठीक हैं आज से तुम मेरे दोस्त हो।
कुत्ता अब मन ही मन बहुत खुश था कि अब उसने जंगल के सबसे ताकतवर प्राणी से दोस्ती जो कर ली हैं। इसलिए अब उसे कोई भी नहीं डरा पायेगा।
रात होने पर कुत्ता शेर के साथ ही उसकी गुफा में चला जाता है। वहां दोनों मौज शौक से खाना पीना करते है और फिर सो जाते है।
फिर जैसे जैसे रात गहराती गयी जंगल में चारों और से डरावनी आवाजे आने लगी और साथ ही तेज धमाकों से उसकी नींद खुल जाती हैं इसके बाद थोड़ी थोड़ी देर में तेज धमाके होते रहे।
अब कुत्ते से भी रहा नहीं गया और वो भी अपनी तेज आवाज में भौंकने लगा। तभी शेर ने उसे रोका और कहा कि दोस्त- ऐसा मत करो, इस जंगल में हमारा दुश्मन आ चुका हैं, वो दो टांगो पर चलता हैं और वो बहुत ही शातिर भी हैं।
यदि उसे हमारे बारे में पता चल गया तो वो हमें भी गोलियों से भून देगा। इसलिए अब चुप रहने में ही हमारी भलाई हैं।
कुत्ते ने सोचा कि अब ये कौन आ गया इस जंगल में जिससे शेर भी डरता हैं। ये पता लगाना बहुत जरुरी हैं। खैर… कुछ भी हो अब तो मैं उसे ही अपना दोस्त बनाऊंगा। अब जल्दी ही मुझे उसके पास जाना चाहिए।
कुत्ता अब शेर से नजर बचाकर उसी रात के अँधेरे में घने जंगल की ओर चल पड़ा। अब वो उधर ही चलता जा रहा था जिधर से बन्दुक की गोलिया चलने की आवाज आ रही थी।
आगे चलकर उसने देखा ठीक बिल्कुल वैसा ही दो पैरो का प्राणी खड़ा था उसके हाथ में एक बड़ा सा हथियार था जिसमे से थोड़ी थोड़ी देर तेज धमाके के साथ आग की चिंगारिया निकल रही थी।
कुत्ता थोड़ी देर तक चुपचाप उसे देखता रहा और फिर हिम्मत करके बोला – मैंने आज दिन तक आपके जैसा बहादुर नहीं देखा। आपसे तो जंगल का राजा शेर भी डरता है। इसलिए मैं आपसे दोस्ती करना चाहता हूँ, क्या आप मुझे अपना दोस्त बनाओगे?
तो शिकारी इंसान ने कहा – हां जरूर मुझे भी एक वफादार मित्र की तलाश हैं। आज से तुम मेरे मित्र हो, आओ अब मेरे साथ घर चलो।
अब कुत्ता शिकारी के साथ चल पड़ता हैं। थोड़ी देर बाद वे दो दोनों जंगल में बनी एक झोपड़ी के पास पहुँचते है। शिकारी ने कहा – ये देखो ये मेरा घर है अब तुम यहाँ पर आराम से रहो।
शिकारी ने कुत्ते को खूब खिलाया पिलाया और वो आराम से सो गया। लेकिन कुत्ते को अभी भी नींद नहीं आ रही थी। इधर जंगल से अब भी लगातार आवाजे आ रही थी। तो कुत्ते ने सोचा क्यों न अब मैं इसकी भी परीक्षा लू।
इसलिए अचानक कुत्ता जोर जोर से भोंकने लगा। कुत्ते की आवाज सुनकर शिकारी की नींद खुली और उसने मुस्कुराते हुए कुत्ते पर हाथ फैरना शुरू किया और कहा – शाबाश मेरे दोस्त, तुम बहुत बहादुर हो। थोड़ा और जोर से आवाज निकालो। यहाँ तुम किसी बात की चिंता न करना।
यह सुनकर कुत्ता बहुत खुश हुआ। अब कुत्ता पहले से भी तेज आवाज़ में भोंकता है और शिकारी फिर कहता है – “और जोर से बोलो।”
कुत्ता अब और जोर से भौंकता है तो शिकारी भी कहता हैं – …….”थोड़ा और तेज। “
अब कुत्ता जितनी तेज आवाज निकलता शिकारी उतना ही खुश होकर कहता – “शाबाश मेरे दोस्त! थोड़ा और तेज। “
अब कुत्ता इस बात से बहुत खुश था कि उसे अपना मनचाहा दोस्त मिल गया है जो उसे डराकर चुप रहने को नहीं कह रहा है।
और इसी तरह कुत्ता अपने सबसे प्यारे और सबसे ताकतवर दोस्त “इंसान” के साथ रहने लगा और कुत्ते को अभी तक इंसान से ज्यादा ताकतवर दोस्त नहीं मिला हैं।
ये भी पढ़े :
मुर्गा और मोर की कहानी
बहुत समय पहले की बात है जब मुर्गा और मोर दोनों साथ साथ रहते थे। तब मोर आज की तरह इतना सुन्दर नहीं हुआ करता था। उस समय मोर बिलकुल ही बदसूरत दीखता था और रही बात मुर्गे की तो वो आज के मुकाबले बहुत ही ज्यादा सुंदर हुआ करता था।
मोर इसी बात से परेशान रहता था कि वो बहुत ही बदसूरत दिखाई देता है। इस वजह से कोई भी उसे पसंद नहीं करता है वह जहां भी जाता है कोई भी उससे बात नहीं करता है।
एक दिन मोर को किसी शादी समारोह के लिए निमंत्रण आया तो मोर एक बार फिर उसी बात को लेकर परेशान होने लगा। फिर मोर अपने दोस्त मुर्गे के पास गया और उसे सारी बात बताई।
मोर ने मुर्गे से कहा कि दोस्त अब तुम ही बताओ कि इस बदसूरत शरीर को लेकर मैं कैसे शादी में जाऊ? मुझे तो कोई मोरनी भी पसंद नहीं करती।
मेरे दोस्त अगर तुम दो दिन के लिए अपने कुछ पंख मुझे दे दो तो मैं थोड़ा सुन्दर लगने लगूंगा, क्या तुम दो दिन के लिए अपने पंख मुझे उधार दे सकते हो? मैं शादी से आते ही तुम्हे अपने पंख वापस लौटा दूंगा।
मुर्गे ने कहा – हां क्यों नहीं मेरे दोस्त, तुमने मुझसे पहली बार कुछ माँगा है। इसलिए मैं तुम्हे मना नहीं करूंगा। और थोड़े से क्यों कुछ ज्यादा पंख ले जाओ। लेकिन दोस्त, तुम जल्दी मुझे अपने पंख वापस कर देना।
मोर ने कहा कि मैं तुम्हे ठीक दो दिन बाद तुम्हारे सारे पंख लौटा दूंगा। फिर भी अगर मुझे आने में थोड़ी देर हो जाये तो तुम मुझे एक बार आवाज जरूर लगा देना।
मुर्गे ने मोर की बात स्वीकार कर ली उसने अपने पंख उतारकर मोर को दे दिए। जब मोर ने उन्हें अपने शरीर पर लगाया तो मोर बहुत खूबसूरत दिखाई देने लगा।
यह देखकर मुर्गा और मोर दोनों बहुत खुश हुए। मुर्गे ने कहा – मेरे दोस्त तुम तो मुझसे भी ज्यादा सुन्दर लग रहे हो। देखना शादी ने अब तुम ही तुम चमकोगे और सब तुम्हारे आगे पीछे घूमेंगे।
मोर भी अपने नए रूप को पाकर बहुत खुश था। अब उसने मुर्गे से विदा ली और शादी में जा पहुंचा।
मोर जैसे ही में शादी में पहुंचा सबकी आंखे फटी की फटी ही रह गयी। अब तो मोर के आस पास कई लोगों का जमावड़ा लग गया। अब मोर किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं लग रहा था और मोरनियाँ तो उसके आगे पीछे घूमने लगी।
ये देखकर मोर को काफी अच्छा लग रहा था। मोर अब अपनी पिछली सारी यादे भुलाकर बस एन्जॉय करने में मस्त होने लगा। उस रात सब लोगों के साथ मोर ने खूब डांस किया और मोर ने अपने लिए कई दोस्त भी बना लिए थे।
दो दिन तक ये सबकुछ चलता रहा लेकिन मोर को अब मुर्गे की कोई चिंता नहीं थी। उसे अब अपना नया रूप बहुत पसंद आ रहा था। अब वो हमेशा ही इसी तरह सुन्दर दिखना चाहता था।
जब दो दिन बीते तो मोर भी वापस अपने घर आ गया और आकर चुपचाप सो गया।
इधर मुर्गे के लिए अब दो दिन बीत चुके थे। अब उसने मोर के घर की ओर मुँह करके जोर जोर से आवाज़ देना शुरू किया – कुकड़ू कू, कुकड़ू कू !!!!!
इधर जब मोर ने मुर्गे के बाग़ देने की आवाज सुनी तो उसे अपनी चिंता होने लगी इसलिए वो चुपचाप आंखे बंद करके सोता रहा।
इसी तरह अब तीसरा दिन भी बीत गया लेकिन मोर की तरफ से कोई जवाब नहीं आ रहा था। और बेचारा मुर्गा अब दिन में तीन बार मोर को आवाज़ देता – कुकड़ू कू, कुकड़ू कू !!!!!
लेकिन मोर के मन में अब खोट आ चुकी थी इसलिए अब वो मुर्गे से दूर दूर रहने लगा। और इसी तरह मुर्गा आज भी मोर को इसी तरह आवाज लगाता हैं और मुर्गे की बदौलत मोर आज इतना सुन्दर पक्षी है।
ये भी पढ़े :
- पंचतंत्र की कहानी -चतुर खरगोश
- 10 नैतिक शिक्षाप्रद कहानियाँ हिंदी में
- चालाक लोमड़ी की 5 best कहानियाँ हिंदी में
मंकू बन्दर और केला
एक समय की बात हैं। भगवान शिव माता पार्वती के साथ मृत्युलोक में (धरती पर) भृमण के लिए आये। उन्होंने देखा कि एक बंदर भूख के मारे बेहाल होकर सड़क पर पड़ा है। वो इतना कमजोर हो चुका था कि वह ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहा था।
यह देखकर माता पार्वती ने भगवान शिव से कहा कि हैं नाथ ! वो देखो एक बन्दर बेचारा भूख के मारे कैसे बेहाल होकर जमीन पर पड़ा हैं। आप इसकी मदद कीजिए जिससे ये फिर से ठीक हो जाये।
इस पर भगवान शिव ने कहा देखो पार्वती !! हर जीव के दो मन होते है एक अच्छा और एक बुरा जिसे हम लालची मन भी कह सकते है और ये इसी लालच के मारे इसकी ये हालत है। फिर भी अगर तुम कहती हो तो मैं इसकी मदद जरूर कर देता हूँ।
अब भगवान बंदर के पास गए और बन्दर से बोले – “देखो वानर राज !! मेरी बात ध्यान से सुनो। मैं तुम्हें एक केला देकर जा रहा हूँ। इसे मैं तुमसे 10 कदम दूर एक गोल घेरे में रखकर जा रहा हूँ और तुम्हें इस केले को पूरे 10 मिनट बाद ही खाना हैं।”
“यदि तुमने इस केले को 10 मिनट से पहले खाया तो तुरंत ही तुम्हारी मृत्यु हो जाएगी। और यदि तुम इसको 10 मिनट पूरे होने के बाद खाते हो तो तुम सदा के लिए अमर हो जाओगे। फिर तुम्हें भूख प्यास कभी नहीं सताएगी। “
यह कहकर भगवान गायब हो गए।
अब बन्दर ने देखा कि उससे 10 कदम दूर एक गोल घेरे में एक स्वादिष्ट पका हुआ केला रखा हुआ हैं जिसकी खुशबू वो दूर से ही वो सूंघ सकता है।
अब बन्दर चुपचाप बैठकर वक़्त गुजरने का इन्तजार करता है। थोड़ी देर तक तो सब ठीक था परन्तु उसके एक दो मिनट बाद बंदर का लालची मन उससे कहता हैं- यार 10 मिनट तो बहुत ज्यादा है और जोरो की भूख भी लगी है, और फिर इतनी दूर बैठने से क्या फायदा?
तभी बंदर का अच्छा मन उससे कहता है – नहीं मेरे दोस्त 10 मिनट कोई ज्यादा नहीं है ये अभी तुरंत गुजर जायेंगे। तुम थोड़ा सब्र करो।
अब बन्दर फिर से उस केले को देखने लगता हैं। केले की खुशबू अब उससे अब सहन नहीं हो पा रही थी।
तभी उसका बुरा मन प्रकट हुआ और कहा – अरे जब इन्तजार करना ही हैं तो थोड़ा नजदीक जाकर भी तो कर सकते तो। इतनी दूर बैठकर क्या फायदा? पास जाकर थोड़ी खशबू तो अच्छे से ले पाओगे। और बंदर अब थोड़ा सा केले के करीब जाकर बैठ जाता हैं।
अब तक लगभग 3 मिनट हो चुके थे। नजदीक आकर बंदर को अब केले की खुशबू और ज्यादा अच्छे से आ रही थी।
बुरा मन फिर कहता है देखो भाई भगवान ने 10 मिनट से पहले केला खाने को मना किया है। उसे छूने से थोड़े ही न मना किया हैं। इसलिए जाओ केले को हाथ में लेकर देखो तो सही। कही वो कच्चा तो नहीं हैं।
तभी अच्छा मन उसे रोकता हैं। नहीं नहीं!! ऐसा मत करना, बस थोड़ी देर और रुक जाओ।
अब तक लगभग सात मिनट का वक़्त गुजर गया था और बुरा मन अब भी उसे लगातार नजदीक जाने को कह रहा था। और अब बंदर उस गोल घेरे के नजदीक जाकर बैठ जाता है।
बुरा मन अब भी आगे बढ़ने कह रहा हैं। लेकिन बन्दर को डर है कि कही गोल घेरे के अंदर हाथ डाल दिया तो क्या होगा ?
अच्छा मन उसे फिर समझाता हैं कि अगर तुम अपनी इच्छा पर काबू नहीं रखोगे तो तुम्हें इसकी बुरी सजा मिलेगी और यदि मेरी बात मानोगे तो तुम्हें इस जीवन मरण से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाएगी।
अब बन्दर थोड़ा रुककर वही थम जाता है।
लेकिन थोड़ी देर बाद भयंकर आक्रामक तेवर के साथ उसका बुरा मन फिर प्रकट होता हैं और कहता है – “देखो 9 मिनट गुजर चुके है और एक मिनट बाकि हैं। इसलिए जब तुम गोल घेरे के नजदीक आ ही गए हो तो फिर इसके अंदर प्रवेश क्यों नहीं कर रहे हो ?”
“भगवान ने तुम्हे केला खाने को मना किया है उसे छूने और चखने से थोड़ी मना किया है।”
बन्दर थोड़ा डरते हुए उस गोल घेरे की और कदम बढ़ाता है और घेरे की लकीर पर धीरे से हाथ रखते हुए यह पता लगाने की कोशिश करता हैं कि कही उसके साथ कुछ बुरा होगा तो नहीं न।
लेकिन जब उसने घेरे के अंदर हाथ रखकर देखा तो ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। फिर जल्दी ही उसे विश्वाश हो गया कि उसकी किसी भी गलत हरकत की उसे कोई भी सजा नहीं मिलेगी।
इसलिए जल्दी से वो गोल घेरे के अंदर गया और उसने केले को हाथ में उठाया। केले को अच्छी तरह से उलट पलट के देखता हैं कि केला तो पूरी तरह से पका हुआ है।
केले की महक से अब उसके सब्र का बांध टूटा जा रहा था। वो लगातार एकटक केले को देखे जा रहा था।
अच्छा मन उसे अब भी लगातार रोकने को कोशिश करता है लेकिन बुरा मन उसपर लगातर हावी होता जा रहा था।
अब जब अंतिम एक मिनट शेष रह गया था तो बुरा मन कहता है कि जब तुम केले के पास आ ही गए हो तो जरा केले को चख कर देखो तो सही क्या पता उसका स्वाद खाने लायक है या नहीं।
बन्दर अब ऐसा ही करता है। तभी अच्छा मन कहता है कि तुम अब भी मेरी बात मान लो थोड़ी देर और सब्र कर लो फिर जैसे चाहे इस केले को खा लेना।
लेकिन बुरा मन कहता है कि कुछ नहीं होगा, और वैसे भी तुम केले को खा थोड़े ही रहे हो तुम्हें तो बस केले को चख कर वापस रख देना है फिर जैसे ही 10 एक मिनट पूरे होते ही तुम उसे खा लेना।
अब सिर्फ 10 सेकंड शेष बचे थे लेकिन बंदर से रहा नहीं जा रहा था। अब उसने फिर से बुरे मन की बात मान कर केले को छीलना शुरू किया।
अच्छा मन – रुक जाओ दोस्त !!
बुरा मन – जल्दी चखो कुछ नहीं होगा!!
बंदर ने डरते डरते केले को धीरे से अपनी जीभ से चाटा तो वो केले के स्वाद में खो गया।
अच्छा मन – देखो दोस्त आखिरी बार कहता हूँ मेरी बात मान लो, बस थोड़ी देर और सही। अगर तुम ऐसा करोगे तो तुम अमर हो जाओगे।
बुरा मन – अरे छोड़ो ये सब अमर होकर क्या करोगे, उसके बाद तुम किसी भी चीज का स्वाद नहीं ले पाओगे। और वैसे भी अभी तक तो कुछ बुरा नहीं हुआ है न तुम्हारे साथ!! तो फिर क्यों डरते हो। क्या रखा हैं जिंदगी में। चलो जल्दी से केले को खाओ और अपनी भूख मिटाओ !!
सिर्फ दो सेकंड बाकि थे। और बंदर ने केले को जल्दी से खाना शुरू किया और एक सेकंड शेष रहने से पहले ही उसने केले को पूरा खा कर खत्म कर दिया।
समय से पहले जैसे ही उसने केले को पूरा खाया बंदर की तुरंत ही वही पर मौत हो गयी।
कहानी से शिक्षा :
जीवन में कुछ बड़ा हासिल करने के लिए थोड़ा सब्र भी जरुरी है।
तो दोस्तों आपको ये बच्चों की कहानियाँ पिटारा कैसी लगी हमे नीचे कमेंट करके जरूर बताये। साथ इसे अपने दोस्तों के साथ में शेयर जरूर करें।
आपके लिए अन्य कहानियां :
- ईमानदार लकड़हारा की कहानी
- छोटे बच्चों की कहानियाँ पिटारा (Best Stories 2024)
- Panchatantra Ki Kahaniya In Hindi | पंचतंत्र की कहानियां इन हिंदी
- “बुद्धि का बल” प्रेरणादायक कहानी
- सफलता का राज़ हिंदी कहानी, Secret of success Hindi Story
- आसमान इतना ऊँचा क्यों है – हिंदी कहानी
- 5 नयी प्रेरक कहानियाँ बच्चों के लिए
- परियों की कहानीयाँ बच्चों के लिए हिंदी में
- “तीस मार खाँ” की मजेदार कहानी हिंदी में
- अकबर और बीरबल की मजेदार कहानियां
- अगेरह वगैरह की मजेदार हिंदी कहनी