इस लेख में आज आप Jet Stream के बारे में जानेंगे कि Jet Stream Kya Hai या जेट धाराएं क्या है? और इसका क्या प्रभाव होता हैं? आईये जानते हैं।
Jet Stream Kya Hai (jet stream की परिभाषा):
जेट स्ट्रीम उच्च स्तरीय पवन संचार व्यवस्था का अंग हैं जिसमें शोभ मंडल (Troposphere) की ऊपरी परतों में (शोभ सीमा के समीप) पश्चिम से पूर्व की ओर अत्यंत तीव्र गति से चलने वाली पवन धाराएं मौजूद होती हैं। इनकी तीव्रता एवं तेज शोर के कारण ही इन वायु धाराओं को जेट स्ट्रीम कहा जाता हैं।
जेट स्ट्रीम कहां चलती है?
ये पवन धाराएं समुद्रतल से 6000 से 12000 मीटर की ऊंचाई के बीच दोनों ही गोलार्धों के चारों ओर वर्ष भर निरंतर प्रवाहित होती रहती हैं। इनकी गति 300 से 500 किलोमीटर प्रति घंटा तक होती हैं। इनकी गति हमेशा बदलती रहती हैं।
जेट स्ट्रीम सिद्धांत किसने दिया?
इन पवन धाराओं की खोज का श्रेय द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमरीकी बमवर्षक विमान चालकों को जाता हैं। इन ऊपरी वायुमण्डल की हवाओं के लिए जेट स्ट्रीम शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम 1947 में C. G. Rossby द्वारा किया गया।
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जेट स्ट्रीम किस मंडल में पाई जाती है?
जेट स्ट्रीम ऊपरी शोभ मंडल एवं समताप मंडल के बीच में हजारों किलोमीटर लम्बी एक लहरदार पट्टी के रूप में बहती रहती हैं और इसके मध्य में हवाएं काफी तीव्रता के साथ चलती हैं। इसलिए इसे धारा कहते हैं।
ऋतु के अनुसार इनका वेग बदलता रहता हैं। ग्रीष्म ऋतु की अपेक्षा शीत ऋतु में जेट स्ट्रीम काफी तेजी से चलती हैं। इस धारा का सर्वाधिक औसत वेग उपोष्ण कटिबंधीय उच्च भार वाले क्षेत्रों के ऊपर होता हैं।
सूर्य के दक्षिणायन और उत्तरायण होने के साथ-साथ जेट स्ट्रीम का भी स्थानांतरण होता रहता हैं। जेट स्ट्रीम की मदद से मानसून की उत्पत्ति की क्रिया-विधि जानने में सबसे आधुनिक एवं विश्वसनीय सिद्धांत के रूप में बल मिलता हैं।
FAQs (Frequently Asked Questions):
प्रश्न – जेट स्ट्रीम क्या है समझाइए?
उत्तर : जेट स्ट्रीम उच्च स्तरीय पवन संचार व्यवस्था का अंग हैं जिसमें शोभ मंडल (Troposphere) की ऊपरी परतों में (शोभ सीमा के समीप) पश्चिम से पूर्व की ओर अत्यंत तीव्र गति से चलने वाली पवन धाराएं मौजूद होती हैं। इनकी तीव्रता एवं तेज शोर के कारण ही इन वायु धाराओं को जेट स्ट्रीम कहा जाता हैं।
प्रश्न – जेट स्ट्रीम कितने डिग्री पर चलती है?
उत्तर : ध्रुवीय जेट स्ट्रीम :- यह 45 डिग्री से 65 डिग्री अक्षांशों के बीच चलती है।
पछुआ स्ट्रीम : – यह 20 डिग्री से 40 डिग्री अक्षांशों के बीच चलती हैं।
प्रश्न – जेट स्ट्रीम कहां बनती है?
उत्तर : जेट धाराएं क्षोभमंडल और समताप मंडल के बीच के क्षेत्र में ठंडी हवा और गर्म हवा के मिलने पर बनती हैं।
प्रश्न – जेट स्ट्रीम कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर : दो ध्रुवीय जेट धाराएँ एवं उपोष्णकटिबंधीय जेट धाराएँ
प्रश्न – जेट धाराएं कैसे महत्वपूर्ण हैं?
उत्तर : जेट स्ट्रीम ऊपर की ओर उच्च गति से प्रवाहित होती है और उस स्तर पर हवा और दबाव में परिवर्तन का कारण बनती है
प्रश्न – जेट स्ट्रीम का दूसरा नाम क्या है?
उत्तर : जेट धाराएं
प्रश्न – जेट स्ट्रीम कहाँ चलती है?
उत्तर : जेट स्ट्रीम या जेटधाराएँ ऊपरी वायुमंडल में तेज़ गति से प्रवाहित/बहने वाली हवाएँ है।
प्रश्न – जेट स्ट्रीम की उत्पत्ति कैसे होती है?
उत्तर : इसकी उत्पत्ति का संबंध भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर उत्पन्न होने वाली ताप प्रवणता, ध्रुवों पर उत्पन्न उच्च दाब तथा इसके ऊपर उत्पन्न निम्न दाब के कारण जनित परिध्रुवीय भंवर से है।
प्रश्न – जेट धाराएं भारत की जलवायु को कैसे प्रभावित करती हैं?
उत्तर : जेटस्ट्रीम रात के तापमान के संकेतों को औसत रूप से बढ़ाकर भारतीय जलवायु को प्रभावित करता है
प्रश्न – जेट धाराएं कितनी ऊंचाई पर प्रवाहित होती है?
उत्तर ; जेट धाराएं धरातल से 8-15 किमी की ऊंचाई पर बहती है।
प्रश्न – भारतीय मानसून के लिए कौन सी जेट स्ट्रीम जिम्मेदार है?
उत्तर : उपोष्णकटिबंधीय जेट स्ट्रीम (STJ)
प्रश्न – जेट धाराएं अक्षांश के कितने डिग्री के बीच होती हैं?
उत्तर : जेट धाराएं 20 डिग्री अक्षांश से लेकर ध्रुवीय अक्षांशों के बीच चलती हैं।
आज आपने क्या सीखा?
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