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भूकंप किसे कहते हैं, भूकंप क्यों आते हैं, भूकंप का कारण – Best Info 2024

आज इस पोस्ट में आप जानेंगे कि भूकंप किसे कहते हैं, भूकंप क्यों आते हैं और भूकंप का वैश्विक वितरण कैसा हैं? अतः भूकंप को बेहतर तरीके से समझने के लिए आप ये आर्टिकल पूरा जरूर पढ़े।

तो आईये भूकंप के बारे में सब कुछ विस्तार से जानते हैं।

भूकंप किसे कहते हैं (भूकंप क्या है)?

भूकंप दो शब्दों से मिलकर बना हैं – भू अर्थात भूमि और कम्प अर्थात कम्पन। यानि भूमि में कम्पन्न (दोलित) उत्पन्न होने को ही भूकंप (earthquake) कहा जाता हैं।

पृथ्वी जिस प्रकार से हमें बाहर से शांत दिखाई देती हैं असल में वो अंदर से इतनी शांत हैं नहीं क्यूंकि भूगर्भ में लगातार हलचल होती रहती हैं। और इसी हलचल के कारण अक्सर पृथ्वी पर छोटे बड़े भूकंप आते रहते हैं।

भूकंप आने के पीछे कई कारण होते हैं जिन्हें प्राकृतिक और मानवीय कारको में विभाजित किया जाता हैं जिनके बारे में हम आगे विस्तार से चर्चा करेंगे।

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भूकंप से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य:

जब किसी बाह्य या अंतर्जात बलों कारणों से पृथ्वी के भू-पटल में कंपन्न उत्पन्न होता हैं, तो उसे भूकंप कहते हैं। अधिकांश भूकंप सामान्य प्रकार के होते हैं एवं उनके उत्पत्ति केंद्र की गहराई प्रायः 25 किलोमीटर से कम होती हैं।

विश्व में प्रतिवर्ष 8000 से भी अधिक भूकंप आते हैं। भूगर्भ में जिस स्थान से भूकंप की घटना प्रारम्भ होती हैं, अर्थात भूकम्पीय तरंगों की उत्पत्ति होती हैं, वह स्थान भूकंप केंद्र (Seismic Focus) कहलाता हैं।

भूकंप केंद्र के ठीक ऊपर धरातल का वह भाग जहां भूकंपीय तरंगें सबसे पहले पहुँचती हैं, अधिकेंद्र कहलाता हैं। समान भूकंपीय तीव्रता अर्थात समान बर्बादी वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखा को समभूकम्प रेखा (Isoseismal Line) कहा जाता हैं। इसका आकार प्रायः अनियमित (Irregular) होता हैं।

किसी क्षेत्र के स्थानों को मिलाने वाली रेखा, जहां भूकंप एक साथ अनुभव किया जाता हैं, सहभूकंप रेखा ( Homoseismal Line) कहलाती हैँ।

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भूकंप का अध्ययन ‘भूकंप विज्ञान’ (Seismology) कहलाता हैं। भूकंपीय तरंगो का अंकन करने वाला यंत्र ‘सिस्मोग्राफ‘ (Seismograph) कहलाता हैं।

मरकेली मापक (Mercalli Scale) भूकंप की तीव्रता मापने का एक यंत्र हैं। वर्तमान समय में भूकंप के मापन हेतु रिक्टर स्केल (Richter Scale) का प्रयोग अधिक किया जाता हैं।

यह एक लोगरिथमिक (Logarithmic) स्केल होता हैं, जिंसमें 1 से 9 तक की संख्याये होती हैं। इसके अंदर प्रत्येक आगे की संख्या अपने पीछे वाली संख्या के 10 गुणे परिमाण को बताती हैं। यह स्केल भूकंप की ऊर्जा पर आधारित हैं।

अतःसागरीय (Submarine) भूकंपों द्वारा उत्पन्न समुद्री लहरों को सुनामी (Tsunamis) कहा जाता हैं। 1833 ई. में क्राकाटोआ के उद्गार के फलस्वरूप समुद्र में 120 फीट ऊंचे सुनामी उत्पन्न हुए थे।

भूकंप क्यों आते हैं? – Bhukamp Ka Karan

भूकंप आने के पीछे दो कारण होते हैं – प्राकृतिक कारण एवं मानवीय कारण

1 – ज्वालामुखी क्रिया-

ज्वालामुखी विस्फोट के कारण भूकंप की स्थिति उत्पन्न होती हैं। क्राकाटोआ ज्वालामुखी के विस्फोट के कारण जो भूकंप आया था, उसका प्रभाव 12000 किलोमीटर से भी अधिक दूर दक्षिणी अमेरिका तक अनुभव किया गया था।

2 – समस्थानिक समायोजन या भू-संतुलन (Isostatic Adjustment):

प्राकृतिक रूप से पृथ्वी अपने आपको संतुलित करती रहती हैं। इस कारण भी भूकंप आते हैं। स्केंडिनेविया प्रायद्वीप के बारे में कहा जाता हैं इस पर उपस्थित हिमनद के पिघलने यह प्रायद्वीप, एक सेमी प्रतिवर्ष की दर से ऊपर उठ रहा हैं तथा दूसरी ओर हॉलैंड का क्षेत्र इसी दर से नीचे धंस रहा हैं।

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3 – भ्रंशन (Faulting):

भ्रंश रेखाओं (Fault Lines) पर उत्पन्न होने वाले भूंकम्प उन्हीं क्षेत्रों में आते हैं, जहां की भूगर्भीय चट्टानें संतुलित नहीं हो पायी हैं। ऐसे क्षेत्रों को दुर्बल क्षेत्र कहा जाता हैं। विश्व के सभी नये पर्वतीय क्षेत्र जैसे – हिमालय, आल्पस, रॉकी, एंडीज आदि दुर्बल क्षेत्र हैं।

सरचनात्मक प्लेटों एवं संरक्षी प्लेट किनारों के सहारे भी भूकंप की उत्पत्ति होती हैं। प्रायः सभी बड़े भूकंपो में भ्रंश क्रिया क्रिया देखी जाती हैं।

1906 ई. में सैनफ्रांसिस्को में आये भूकंप में भ्रंश रेखा के ऊपर धरातल पर लगभग 800 किमी लम्बी दरार का निर्माण हुआ, जिसे सन एंड्रीयांस भ्रंश कहा जाता हैं।

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सन एंड्रीयांस भ्रंश: Image Source: Wikimedia

4. प्रत्यास्थ पुनश्चलन सिद्धांत:

इस सिद्धांत का पतिपादन अमेरिकी भूगोलवेत्ता डॉ. एच. एफ. रीड (Dr. H.F. Reid) द्वारा किया गया हैं। उसके अनुसार भूकंपो की यांत्रिक सरंचना चट्टानों के लचीलेपन पर निर्भर करती हैं।

5 – प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत:

अधिकांश भूकंपीय क्रियाएं प्लेट सीमांत क्षेत्र (रचनात्मक, विनाशात्मक एवं संरक्षक) में होती हैं।

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6 – जलीयभार:

बड़े-बड़े बांधो के निर्माण के कारण चट्टानों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता हैं। फलस्वरूप संतुलन स्थापित करने के लिए प्लेटों का संचलन होता हैं जिससे भूकंप आता हैं। उदाहरणतः भारत का कोयना भूकंप।

7 – कृत्रिम भूकंप:

परमाणु बम का विस्फोट, उच्च तीव्रता एवं मारक क्षमता वाले बड़े बमों के विस्फोट आदि से भी भूकंप आते हैं।

8 – अन्य कारक:

गुफाओं की छत धंसना, हिमस्खलन, शैल स्खलन, रेलगाड़ियों का चलना जैसी घटनाओं के कारण भी भूकंप उत्पन्न होते हैं।

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भूकंप का विश्व वितरण:

(i) परि प्रशांत पेटी:

यह विश्व की सबसे विस्तृत भूकंप पेटी हैं तथा समस्त विश्व का दो तिहाई भूकंप इसी पेटी में आता हैं। यह पेटी, दो प्लेटों के अभिसरण सीमांत पर स्थित हैं। यह नवीन मोड़दार पर्वतों एवं ज्वालामुखी का क्षेत्र हैं, जिसके कारण यहां भूकंप अधिक आते हैं।

(ii) मध्य महाद्वीपीय पेटी:

यह पेटी भूमध्य सागर से लेकर पूर्वी द्वीप समूह तक फैली हुई हैं। यह पेटी नवीन मोड़दार पर्वतों के क्षेत्र में स्थित हैं, जहां मुख्यतः संतुलन मूलक एवं भ्रंशमूलक भूकंप आते हैं। भारत का भूकंप क्षेत्र इसी पेटी में सम्मिलित हैं।

(iii) मध्य अटलांटिक पेटी:

यह पेटी मध्य अटलांटिक कटक के सहारे उत्तर में आइसलैंड से लेकर दक्षिण में बोवेट द्वीप तक फैली हुई हैं।

(iv) अन्य क्षेत्र:

जैसे पूर्वी अफ्रीका का दरार घाटी क्षेत्र, जहां मुख्यतः भ्रंश मूलक भूकंप आते हैं।

भारत के भूकंपीय क्षेत्र:

1 – हिमालय क्षेत्र:

भारत में आने वाले अधिकांश भूकम्पों का मूल केंद्र इसी क्षेत्र में अवस्थित हैं। विवर्तिनीकी रूप से हिमालय अभी निर्माणावस्था में ही हैं। फलतः यह एक अस्थिर क्षेत्र हैं, जिसके कारण भारत में सर्वाधिक भूकंप इसी क्षेत्र में आते हैं।

2 – उत्तरी भारत का मैदान:

इस मैदान की सरंचनात्मक घटक जलोढ़ मृदा हैं। यह हिमालय से सटा हुआ भाग हैं। चूँकि भारतीय उपमहाद्वीपीय प्लेट अंगारलैंड लगातार विनाश कर रही हैं। फलतः भूकंप आता रहता हैं। हिमालय के संपीड़न के कारण इस क्षेत्र में चार भ्रंशों की उपस्थिति ज्ञात हुई हैं।

3 – दक्षिणी भारत के क्षेत्र:

प्रायद्वीपीय पठार सबसे प्राचीन एवं कठोर स्थलखंड हैं जो स्थिर एवं भूकंप से सुरक्षित क्षेत्र माना जाता रहा हैं परन्तु कुछ वर्षो से यहाँ भूकंप की उपस्थिति देखने को मिली हैं। लातुर, कोयना, जबलपुर, भुज आदि के भूकंप इसे निर्बल क्षेत्र साबित करते हैं जिसका मुख्य कारण भ्रंशों की उपस्थिति हैं।

FAQs भूकंप से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न:

प्रश्न 1. भूकंप किसे कहते हैं?

उत्तर: धरती में कम्पन्न होने की अवस्था को भूकंप कहा जाता हैं।

प्रश्न 2. भूकंप क्यों आते हैं?

उत्तर : भू असंतुलन, ज्वालामुखी क्रियाएं, प्लेट टेक्टोनिक क्रियाये, जलीय भार एवं कुछ मानव जनित क्रियाएं आदि कुछ भूकंप उत्पन्न होने का मुख्य कारण हैं।

प्रश्न 3. भूकंप कब आता है?

उत्तर : जब धरती के अंदर से ज्वालामुखी का लावा बाहर निकलने के लिए लगातार क्रस्ट पर दबाव लगाता हैं तब भूमि में कम्पन्न उत्पन्न होता हैं। इसके अलावा पृथ्वी पर plates के सरकने और आपस में टकराने से भी भूकंप आते है।

प्रश्न 4. भूकंप मापी यंत्र का नाम क्या है?

उत्तर : सिस्मोग्राफ

प्रश्न 5. भूकंप तरंगे कितनी है?

उत्तर : भूकंप के केंद्र से तीन प्रकार की तरंगे उत्पन्न होती है- P, S, और L तरंगे

प्रश्न 6. एक दिन में कितने भूकंप होते हैं?

उत्तर : राष्ट्रीय भूकंप सूचना केंद्र के अनुसार दुनियांभर में लगभग 55 भूकंप प्रति दिन आते हैं.

प्रश्न 7. भूकंप कहां नहीं होते हैं?

उत्तर: अंटार्कटिका महाद्वीप में बिल्कुल कम भूकंप आते है।

प्रश्न 8. भूकंप से क्या हानि है?

उत्तर:- भूकंप विनाशकारी होते है। इससे बहुत ज्यादा हानि होती हैं जैसे – भूस्खलन होने से जान और माल दोनों को नुकसान होता हैं, समुद्रों में सुनामी उत्पन्न हो जाती हैं, बड़े बड़े मकान और इमारतें गिर जाती है।

प्रश्न 9. भूकंप क्या है इससे बचने का उपाय?

उत्तर : यदि आप घर के बाहर हों तो जहां हों वहां से आप न हिलें। तथापि बिल्डिंग, पेड़ों, स्ट्रीट लाइटों तथा बिजली/टेलीफोन आदि की तारों आदि से दूर रहें। यदि आप किसी खुली जगह पर हों तो वहां तब तक रुके रहें जब तक कि भूकंप के झटके न रुक जाएं। सबसे बड़ा खतरा बिल्डिंग के बाहर, निकास द्वारों तथा इसकी बाहरी दीवारों के पास होता है।

प्रश्न 10. भूकंप से क्या लाभ हानि होती है?

उत्तर : भूकंप से अपार जन धन की हानि होती हैं। इससे बाढ़ आने, भूस्खलन होने, सुनामी आने जैसी प्राकृतिक आपदाएं आने का कहता बढ़ जाता हैं। इसके अलावा घरों एवं इमरतों में दरारे आ जाती है एवं उनके गिरने का खतरा पैदा हो जाता है। लाखों लोग बेघर हो जाते हैं। सड़कें एवं पुल आदि भी टूट जाती हैं तथा बाँधो के टूटने का खतरा बढ़ जाता हैं। विद्युत खम्बे टूट जाने से से कई दिनों तक विद्युत आपूर्ति नहीं हो पाती हैं। अर्थात भूकंप से जीवन तरह से अस्त व्यस्त हो जाता है।

प्रश्न 11. भूकंप से क्या लाभ हानि होती है?

उत्तर : भूकंपीय तरंगो से

प्रश्न 12. भूकंप के अध्ययन को क्या कहते हैं?

उत्तर : सीस्मोलॉजी

प्रश्न 13. सबसे विनाशकारी भूकंप तरंग कौन सी है?

उत्तर : L तरंगे

प्रश्न 14. सबसे तेज गति वाली भूकंप तरंग कौन सी है?

उत्तर : P तरंग

प्रश्न 15. सबसे ज्यादा भूकंप कहां आते हैं?

उत्तर : परिधि प्रशांत महासागरीय बेल्ट जिसे Ring of fire भी कहा जाता हैं।

प्रश्न 16. भूकंप का देश कौन सा है?

उत्तर : जापान

प्रश्न 17. भारत में सबसे ज्यादा भूकंप कहाँ पर आता है?

उत्तर : हिमालय पर्वतीय क्षेत्र और इसके आस पास के इलाके

प्रश्न 18. भारत को कितने भूकंप जोन में बांटा गया है?

उत्तर : भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने भारत को चार भूकंपीय क्षेत्रों में बांटा हैं, जोन II, III, IV, और V

प्रश्न 19. भूकंप विज्ञान का जनक कौन है?

उत्तर : जॉन मिल्ने को भूकंप का जनक कहा जाता हैं।

प्रश्न 20. ऐसा कौन सा देश है जहां पर भूकंप नहीं आता है?

उत्तर : ऑस्ट्रेलिया

और आखिर में,

इस लेख में आपने भूकंप के बारे विस्तार से जाना कि भूकंप किसे कहते हैं, भूकंप क्यों आते हैं और भूकंप का वैश्विक वितरण कैसा हैं? अगर आपको ये जानकारी (Bhukamp Kise Kahate Hain) अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।

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Rakesh Verma

Rakesh Verma is a Blogger, Affiliate Marketer and passionate about Stock Photography.

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