विश्व में कृषि के प्रकार | Krishi Ke Prakar in Hindi 2025

विश्व में कृषि के प्रकार | Krishi Ke Prakar in Hindi 2025

विश्व में कृषि के प्रकार कौन-कौनसे हैं एवं उनकी क्या विशेषताएं हैं? आईये इस लेख में विस्तार से जानते हैं (Krishi Ke Prakar in Hindi)

विश्व में कृषि के प्रकार (Krishi Ke Prakar):

1. Shifting Cultivation- स्थांनांतरणशील कृषि क्या है?

यह कृषि का सर्वाधिक प्राचीन रूप है, जो मुख्यतः उष्ण कटिबंधीय वनों में रहने वाली जनजातियों द्वारा की जाती है। इस प्रकार की कृषि में वन के छोटे भू-भाग में वृक्षों एवं झाड़ियों को काटकर जला दिया जाता है एवं इस भूमि पर कुछ वर्षों तक कृषि की जाती है।

भूमि की उर्वरता समाप्त हो जाने पर किसी दूसरी जगह पर यही क्रिया दुहराई जाती है। अतः इसे काटना (Slash) एवं जलाना (Burn Farming) कृषि भी कहा जाता है। इसे बुश फेलो कृषि भी कहा जाता है।

इस कृषि को विश्व के विभिन्न भागों में विभिन्न नामों से जाना जाता हैं:

नाम क्षेत्र
लदांग इंडोनेशिया एवं मलेशिया
मिल्पा मध्य अमेरिका एवं मैक्सिको
रोका ब्राजील
कोनुको वेनेजुएला
झूम उत्तर-पूर्वी भारत
टावी मेडागास्कर
केंगिन फिलीपींस
मसोल जायरे एवं मध्य अफ्रीका
हुमा जावा एवं इंडोनेशिया
तुंग्या म्यांमार (बर्मा)
चेन्ना श्रीलंका
लोगन पश्चिमी अफ्रीका
विश्व में कृषि के प्रकार

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2. Subsistence Agriculture- जीविका कृषि क्या हैं?

कृषि करने वाले परिवार की मात्र आजीविका भर फसल उगाने वाली कृषि को जीविका कृषि कहा जाता है। इस प्रकार की कृषि में अधिक जनसंख्या के भोजन की आपूर्ति हेतु भूमि का अधिकतम उपयोग किया जाता है।

भारत, बांग्लादेश, इंडोनेशिया आदि देशों में इस प्रकार की कृषि होती है।

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3. Commercial Agriculture- वाणिज्यिक कृषि क्या हैं?

इस प्रकार की कृषि मुख्यतः विकसित देशों द्वारा की जाती हैं। विश्व में खाद्य फसलों की व्यापारिक कृषि कुछ सिमित क्षेत्रों में ही की जाती है।

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विश्व में कृषि के प्रकार | Krishi Ke Prakar in Hindi

इस प्रकार की कृषि की सर्वाधिक महत्वपूर्ण फसल गेहूं है। गेहूं की वाणिज्यिक कृषि विश्व के शीतोष्ण कटिबंधीय घास में मैदानों (स्टेपी, प्रेयरी, वेल्ड, पम्पास) में बड़े पैमाने पर की जाती हैं।

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4. Plantation Agriculture- रोपण कृषि या बागानी कृषि क्या हैं?

यह इस कृषि का विशिष्ट रूप है, जिसमें पूर्णतः व्यापारीक उद्देश्य के लिए नगदी फसलों की कृषि की जाती है। इस प्रकार की कृषि का विस्तार मुख्यतः एशिया, अफ्रीका एवं अमेरिका के उष्ण एवं उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। इन क्षेत्रों में कहवा, चाय, मसाले, रबड़ आदि की बागानी कृषि की जाती है।

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5. Intensive farming- गहन कृषि क्या हैं?

इस प्रकार की कृषि मुख्य रूप से अधिक जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों में की जाती है। इस प्रकार की कृषि में फसलों का अधिक उत्पादन प्राप्त करने हेतु कृषि भूमि की प्रत्येक इकाई पर अधिक मात्रा में पूंजी एवं श्रम का उपयोग किया जाता है।

कम क्षेत्र से अधिकतम उत्पादन प्राप्त करना इस कृषि का उद्देश्य है। इस प्रकार की कृषि में छोटे-छोटे खेतों में रासायनिक उर्वरक, उन्नत बीज, सिंचाई, फसल चक्र के माध्यम से अधिकतम उत्पादन प्राप्त किया जाता है।

इस प्रकार गहन कृषि में फसलों का प्रति हेक्टेयर उत्पादन काफी अधिक होता है। जापान, चीन, भारत, इंडोनेशिया, मलेशिया, बांग्लादेश आदि में इस प्रकार की कृषि की जाती हैं।

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