प्यारे दोस्तों! दादी-नानी की कहानियां बचपन से ही हम सबको खूब पसंद आती हैं। और दादी-नानी के मुँह से कहानियाँ सुनते हुए हमें कब नींद आ जाती हैं कुछ पता ही नहीं चलता।

तो आज मैंने भी सोचा कि क्यों न आज मैं भी आपके लिए दादी नानी की कहानियां लेकर आऊं। तो फिर देर किस बात की। पेश हैं आपके लिए Dadi Nani Ki Kahaniyan in Hindi

Dadi Nani Ki Kahaniyan in Hindi

-: कौआ और सांप की कहानी :-

एक पेड़ पर कौआ अपनी पत्नी कौवी के साथ घौंसला बनाकर रहता था। उस पेड़ के नीचे तने में एक बिल था जिसमें एक बड़ा सा दुष्ट सांप रहता था।

एक बार कौवे की पत्नी ने तीन अंडे दिए। इस बात से कौआ और कौवी दोनों बहुत खुश हुए। अगले दिन जब कौआ भोजन की तलाश में पेड़ से दूर चला गया तब दुष्ट सांप अपने बिल से बाहर निकला और पेड़ पर चढ़कर कौए के घोंसले तक जा पहुंचा।

वहां उसने अंडो के साथ कौवी को देखा तो उसने कहा कि वाह! आज तो तुमने मेरे खाने के लिए स्वादिष्ट भोजन का इंतजाम कर दिया हैं। अब जल्दी से दूर हटो और मुझे अंडों का स्वाद लेने दो।

यह सुनकर कौवी ने सांप से कहां – “दुष्ट सांप! यह मेरे बच्चे हैं। चला जा यहाँ से। मैं तुझे इन्हें नहीं खाने दूंगी।

तब सांप ने कहा – हम्म्म्म! क्या कर लोगी तुम मेरा? यहाँ आज दिन तक मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाया हैं। तुम भी मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती। यह कहकर सांप ने देखते ही देखते कौए के सभी अंडो को खा लिया।

शाम को कौआ जब अपने घर वापस आया तो कौवी ने रो रोकर कौए को सारी बात बताई। अब कौआ उस दुष्ट सांप को सबक सिखाने के लिए उपाय ढूंढ़ने लगा।

अगले दिन कौआ राजा के महल में जा पहुंचा। वहां उसने रानी के गले में बड़ा सा सोने का हार देखा। अब वो मौके का इन्तजार करने लगा। कुछ देर बाद रानी स्नान करने के लिए जाती हैं और अपना सोने का हार भी उतार देती हैं।

अब मौके का फायदा उठाकर कौआ उस सोने के हार को अपनी चौंच में उठाकर जाने लगा। यह नजारा जब रानी ने देखा तो वो जोर चिल्लाई। अरे कोई हैं?? चोर चोर, देखो एक कौआ मेरा सोने का हार चुराकर उड़ा जा रहा हैं पकड़ो उसे जल्दी से।

अब राजा के सैनिक उस कौए का पीछा करने लगे और जंगल में जा पहुंचे। थोड़ी देर बाद सैनिकों ने देखा कि कौए ने सोने का हार एक पेड़ के नीचे कहीं छिपा दिया हैं। सैनिक पीछा करते हुए उस पेड़ के पास गए और उन्होंने हार को खोजना शुरू किया किया। जहां उन्हें सांप का बिल दिखाई दिया।

सैनिकों ने सोचा – शायद उस कौए ने इसी बिल में सोने का हार छुपाया हैं। चलो इसी बिल को खोदते हैं।

जैसे ही उन्होंने बिल को खोदना शुरू किया वो दुष्ट सांप बाहर निकला और सैनिकों पर फुफकारने लगा। यह देखकर सभी सैनिक उस दुष्ट सांप पर टूट पड़े और सांप का वहीं पर काम तमाम कर डाला।

इस प्रकार उस दुष्ट सांप को अपने किये की सजा मिल चुकी थी। अब कौआ और कौवी दोनों ख़ुशी खुशी रहने लगे।


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(कौआ और हंस) kauwa aur hans ki kahani

एक समय की बात हैं तालाब के किनारे एक पेड़ था जिस पर एक कौआ रहता था। उस तालाब में दिनभर बहुत सारे हंस तैरते रहते थे।

एक दिन कौआ पेड़ पर बैठकर दूर से ही हँसो को तैरते देख रहा था तभी उसे मन में ख्याल आया कि यार ये हंस कितने सुंदर हैं एक दम सफेद झक। और एक मैं हु बिल्कुल काला कलूटा सा। काश! मैं भी इनके जैसा सफ़ेद रंग का होता!

Dadi Nani Ki Kahaniyan in Hindi, दादी-नानी की कहानियां
Dadi Nani Ki Kahaniyan in Hindi

यह सोचते हुए कौआ एक हंस के पास जाकर उससे कहने लगा। भाई तुम कितने खुशनसीब हो जो तुम्हें ये सफ़ेद रंग मिला हैं। तुम तो बहुत खुश रहते होंगे न !

हंस बोला- नहीं, मुझे तो ऐसा नहीं लगता। क्यूंकि तोता तो मुझसे भी ज्यादा सुंदर हैं।

इसके बाद कौआ तोते के पास गया और उससे बोला- तोते भाई तुम हंस से भी ज्यादा सुंदर लगते हो। क्यूंकि तुम्हारे पास दो रंग हैं। इसलिए तुम तो बहुत खुश रहते होंगे न?

तोता बोला- नहीं भाई, ऐसा बिल्कुल नहीं हैं। मैं कहां सबसे सुन्दर हूँ। मुझसे भी सुन्दर तो मोर हैं जिसके पास अनगिनत रंग हैं। इसलिए शायद वो ही सबसे खुश होगा।

इसके बाद कौआ चिड़ियाघर में गया जहां पर एक पिंजरे में बहुत सारे मोर बंद थे। जिन्हें देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ लगी हुई थी। जब भीड़ बिल्कुल कम हुई तब कौआ मोर के पास गया और उससे बोला –

“मोर भाई जैसा मैंने सुना हैं आज अपनी आँखों से देख भी लिया हैं। सच में तुम कितने सुंदर हो। देखो तुम्हें देखने के लिए हर रोज कितने लोगों की भीड़ लगी रहती हैं। और एक मैं हूं जिसे कोई देखना तक पसंद नहीं करता।

तब मोर ने कहा – नहीं भाई! जिसे तुम सुंदरता कह रहे हो। असल में इसी के कारण तो मैं इस कैदखाने में बंद हूं। आखिर कौन इस तरह पिंजरे में बंद होकर रहना चाहता हैं।

मैं भी तुम्हारी तरह आजाद घूमना चाहता हूं लेकिन मैं चाहकर भी ऐसा नहीं कर सकता। असल में तुम ही सबसे खुशनसीब हो जो बिना डर के अपना जीवन जी सकते हो।

कौआ अब समझ चुका था कि सुंदरता ही इस दुनिया में सबकुछ नहीं हैं। इसके बिना भी दुनियाँ ख़ुशी से जी जा सकती हैं।

और आखिर में,

तो प्यारे दोस्तों! कैसी लगी आपको ये दादी-नानी की कहानियां (Nani Ki Kahaniyan in Hindi) उम्मीद करता हूं हमेशा की तरह इस बार भी आपको आज की ये कहानियां पसंद आयी होंगी। ये कहानियां अपने दोस्तों और फॅमिली मेंबर्स के साथ शेयर जरूर करें।

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By Rakesh Verma

Rakesh Verma is a Blogger, Affiliate Marketer and passionate about Stock Photography.

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