इस लेख में आज हम ज्वालामुखी (Volcano) के बारे में चर्चा करने वाले है कि ज्वालामुखी किसे कहते है, ज्वालामुखी कितने प्रकार के होते हैं और धरती पर ज्वालामुखी का वैश्विक वितरण कैसा है?
उपरोक्त सभी सवालों का जवाब आपको इस आर्टिकल में विस्तार से मिलने वाला है। अतः आप इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े।
ज्वालामुखी किसे कहते है?
पारिभाषिक तौर पे कहे तो – धरती की सतह पर स्थित एक ऐसी दरार या मुख जहां से भूगर्भ में अंदर स्थित गर्म लावा, गैस या राख आदि बाहर आते है उसे ज्वालामुखी कहते है।
ज्वालामुखी उद्गार के फलस्वरूप निकलने वाले पदार्थ ठोस, द्रव एवं गैस तीनों ही रूप में होते है। गैसें तीव्र विस्फोट के साथ धरातल को तोड़कर बाहर निकलती है। इन गैसों में 80 से 90% भाग वाष्प (हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन) का होता है। अन्य गैसें हैं- कॉर्बन डाईऑक्साइड, सल्फर डाईऑक्साइड आदि।
तरल पदार्थों में लावा सर्वाधिक महत्वपूर्ण है, जो बाहर निकलकर फैल जाता है। लावा दो प्रकार का होता है – एक गाढ़ा जिसमें सिलिका की मात्रा अधिक (75%) होती है एवं जिसे ‘अम्लीय लावा’ (Acid Lava) कहा जाता है तथा दूसरा लावा पतला होता है जिसमे सिलिका की मात्रा कम होती है।
पतला होने के कारण यह लावा अधिक दूर तक बहकर फैल जाता है, फलस्वरूप पठार का निर्माण होता है। जबकि अम्लीय लावा द्वारा पर्वत का निर्माण होता है।
ज्वालामुखी कितने प्रकार के होते हैं? Jwalamukhi ke Prakar:
1 . सक्रिय ज्वालामुखी किसे कहते हैं?
जिन ज्वालामुखीयों में लावा, गैस आदि के रुप में विखंडित पदार्थ सदैव निकला करते है, उन्हें जाग्रत या सक्रीय ज्वालामुखी कहा जाता है।
वर्तमान समय में विश्व में जाग्रत ज्वालामुखीयों की संख्या लगभग 500 है। उदाहरण – इटली का एटना, स्ट्राम्बोली, हवाई द्वीप का मोनलोआ आदि।
स्ट्राम्बोली से सदैव प्रज्ज्वलित गैस निकलती रहती है। अतः इस ज्वालामुखी को भू-मध्य सागर का प्रकाश स्तम्भ (Light House) कहा जाता है।
विश्व का सबसे ऊंचा सक्रीय ज्वालामुखी कोटोपैक्सी (ऊंचाई 5879 मीटर) है। यह ज्वालामुखी दक्षिणी अमेरिका में स्थित है।
2 . प्रसुप्त ज्वालामुखी किसे कहते हैं?
ये वो ज्वालामुखी है जो उद्गार के बाद शांत पड़ जाते है, परन्तु इनमे कभी भी उद्गार हो सकता है। उदाहरण – इटली का विसुवियस, इंडोनेशिया का क्राकाटोआ, जापान का फ्यूजियामा आदि।
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3 . मृत ज्वालामुखी किसे कहते हैं?
ये ऐसे ज्वालामुखी होते है जिनमे बहुत लम्बे समय से पुनः उद्गार नहीं हुआ है, इन्हे मृत ज्वालामुखी कहा जाता है।
उदाहरण के लिए म्यांमार (बर्मा) का माउंट पोपा, अफ्रीका का किलीमिंजारो, ईरान का कोह सुल्तान एवं देमवन्द आदि।
अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य :
- जब लावा धरातल पर आने से पूर्व ही ठंडा हो जाता है, तब भूगर्भ में बैकोलिथ, लैकोलिथ, फैकोलिथ, लोपोलिथ, सिल, डाइक आदि का निर्माण होता है।
- जब भूगर्भ में स्थित गर्म और पिघला पदार्थ बाहर आता है तो उसे लावा कहते है और यही पदार्थ जब तक भूगर्भ में रहता है तो इसे मैग्मा कहा जाता है।
- जब लावा एक दरार के माध्यम से निकलता है, तो लावा पठार का निर्माण होता है। इस प्रकार के पठार संयुक्त राज्य अमेरिका, दक्षिणी अर्जेंटीना, ब्राजील, न्यूजीलैंड, दक्षिणी भारत, फ़्रांस, आइसलैंस, दक्षिणी अफ्रीका एवं साइबेरिया में पाये जाते है।
केंद्रीय विस्फोट द्वारा निर्मित स्थलाकृतियाँ:
1 . (सिण्डर शंकु)- सिण्डर शंकु किसे कहते हैं?
इनकी ऊंचाई कम होती है। इसके निर्माण में ज्वालामुखीय धूल, राख एवं विखंडित पदार्थो का ही योगदान होता है तरल पदार्थों का नहीं। इसका ढाल अवतल होता है।
मैक्सिको का जोरल्लो (Jorullo) सान साल्वाडोर का माउंट इजाल्को, फिलीपींस के लुजोन द्वीप का केमग्वीन आदि सिण्डर शंकु के उदाहरण है।
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2 . (अम्लीय लावा शंकु)- अम्लीय लावा शंकु किसे कहते है?
जब उद्गार से निकलने वाला लावा काफी गाढ़ा एवं चिपचिपा होता है, तो यह धरातल पर निकलने के पश्चात तेजी से ठंडा होकर जम जाता है, फलस्वरूप तीव्र ढाल वाले ऊँचे शंकु का निर्माण है। उदाहरण -री यूनियन द्वीप, स्ट्राम्बोली, क्राकाटोआ आदि।
3 . (शील्ड शंकु)- शील्ड शंकु किसे कहते है?
इसे बेसिक या पैठिक लावा शंकु भी कहा जाता है। जब लावा पतला होता है, तो काफी दूरी तक फैलने के बाद जमता है। अतः इस प्रकार के शंकु की ऊंचाई कम होती है। उदाहरण- हवाई द्वीप का मोनालोआ।
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4 . शंकु में शंकु:
इसका विकास तब होता है, जब लम्बे अंतराल के पश्चात प्रसुप्त ज्वालामुखी में अपेक्षाकृत छोटे परिणाम का ज्वालामुखी विस्फोट होता है। उदाहरण – फ्यूजियामा।
5 . (मिश्रित शंकु)- मिश्रित शंकु किसे कहते है?
इसका निर्माण विभिन्न प्रकार के निसृत ज्वालामुखी पदार्थो के परत दर परत जमा होने से होता है, अतः इसे परतदार शंकु भी कहा जाता है। विश्व के अधिंकाश ऊँचे ज्वालामुखी पर्वत इसी प्रकार के है।
इटली के विसुवियस, सिसली का एटना, जापान का फ्यूजियामा, फिलीपींस का मेयन, अमेरिका का रेनियार एवं हुड़ आदि मिश्रित शंकु के महत्वपूर्ण उदाहरण है।
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6 . (परिपोषित शंकु)- परिपोषित शंकु किसे कहते है?
जब ज्वालामुखी की मुख्य नली से छोटी- छोटी कई उपशाखाएं निकल आती है तो इनसे निकलने वाले लावा के जमाव से मुख्य शंकु पर कई छोटे- छोटे अन्य शंकुओं का निर्माण हो जाता है, जिन्हें परिपोषित शंकु कहा जाता है। यु एस ए का माउंट शस्ता परिपोषित शंकु का उदाहरण है।
7 . (क्रेटर एवं कॉल्डेरा)- क्रेटर एवं कॉल्डेरा किसे कहते है?
ज्वालामुखी के शीर्ष पर स्थित कीप के आकार के गर्त को क्रेटर कहा जाता है। कॉल्डेरा क्रेटर का एक विस्तृत रूप होता है। क्रेटर का कॉल्डेरा के रूप में विस्तार या तो क्रेटर के धंसने से होता है या फिर ज्वालामुखी के विस्फोटक उदभेदन से।
क्रेटर एवं कॉल्डेरा में जब जल भर जाता है तो ये झील के रूप में परिवर्तित हो जाते है। अमेरिका का ओरोगन झील, महाराष्ट्र का लोनार झील, राजस्थान का पुष्कर झील आदि कॉल्डेरा झील के उदाहरण है।
जापान स्थित ऐरा कॉल्डेरा एवं अमेरिका का वैलिस कॉल्डेरा का व्यास क्रमशः 24 किमी एवं 29 किमी हैं।
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8. (सोल्फतारा)- सोल्फतारा किसे कहते है?
जब ज्वालामुखी से राख एवं लावा का निकलना बंद हो जाता है एवं उसके बाद भी बहुत दिनों तक उससे विभिन्न तरह की गैसें एवं वाष्प निकला करती है। यह अवस्था सोल्फतारा कहलाती है।
वास्तव में यह गन्धकीय धुआँरा है, जिससे गांधीकीय धुआँ निकलता है। धुआँरे का विस्तृत क्षेत्र अलास्का में कटमई ज्वालामुखी के समीप है, जिसे ‘दस हजार धुआँरे की घाटी’ कहा जाता है।
9. (गेसर)- गेसर क्या है?
गेसर वास्तव में गर्म जल का स्रोत होता है जिससे समय- समय पर गर्म जल तथा वाष्प फव्वारे के रूप ,इ निकलता रहता है। इसे ज्वालामुखी क्रिया का गौण रूप माना जाता है।
अमेरिका का येलोस्टोन पार्क, आईसलेंड (ग्रेंड गेसर) एवं न्यूजीलैंड मुख्य रूप से संसार के तीन प्रधान गेसर क्षेत्र है।
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10. गर्म झरना:
गर्म झरना से गर्म जल निरंतर निकलता रहता है। ये झरने विशेष रूप से ज्वालामुखी क्षेत्रों में देखने को मिलते है परन्तु कभी-कभी ये उन क्षेत्रों में भी देखने को मिलते है, जहां ज्वालामुखी का नामोनिशान नहीं मिलता है। जैसे- बिहार के राजगीर एवं मुंगेर (सीताकुंड आदि) में। इसका कारण चट्टानों में रेडियोधर्मी तत्वों की उपस्थिति है।
ज्वालामुखी का वैश्विक वितरण:
विश्व के लगभग दो-तिहाई ज्वालामुखी प्रशांत महासागर को घेरे हुए है एवं शेष नवीन मोड़दार पर्वतों के क्षेत्र में (हिमालय को छोड़कर) गहरे सागरों एवं भ्रंश घाटियों में स्थित हैं।
1 . परी प्रशांत मेखला:
ये ज्वालामुखी विनाशात्मक प्लेट क्षेत्र में स्थित है। इन्हे प्रशांत महासागर की अग्नि शृंखला भी कहा जाता है। यह पेटी न्यूजीलैण्ड से आरम्भ होकर इंडोनेशिया, फिलीपींस, जापान, कमचटका, क्यूराइल, अल्यूशियन द्वीप समूह, अलास्का, रॉकी एवं एंडीज होते हुए अंटार्कटिक के टेरर एवं माउंट ऐरेबस तक फैला हुआ है।
- विश्व के अधिकांश ऊँचे ज्वालामुखी पर्वत इसी पेटी में स्थित है। इक्वाडोर के अधिकांश ऊँचे ज्वालामुखी पर्वत इसी पेटी में स्थित है एवं चिली का एकांकागुआ विश्व का सबसे ऊँचा ज्वालामुखी पर्वत है।
- जापान का फ्यूजियामा, फिलीपींस का माउंट ताल, अमेरिका का कशास्ता, रेनियर एवं हुड, फिलीपींस का मेयोन आदि इस पेटी के महत्वपूर्ण ज्वालामुखी पर्वत हैं।
2 . मध्य महाद्वीपीय पेटी:
यह पेटी महाद्वीपीय प्लेट अभिसरण क्षेत्र में स्थित है। यह पेटी केनारी द्वीप के निकट से लेकर इंडोनेशिया तक फैली हुई है, जहां यह परी- प्रशांत पेटी से मिल जाती है।
स्ट्राम्बोली, विसुवियस, एटना, ईरान का देवमन्द, कोह सुल्तान, काकेशस का एल्बुर्ज, आर्मीनिया का अरारात, इंडोनेशिया का क्राकाटोआ इस पेटी के महत्वपूर्ण ज्वालामुखी पर्वत हैं।
3 . अफ्रीका का भ्रंश घाटी क्षेत्र:
माउंट कीनिया एवं किलीमिंजारो इस क्षेत्र के महत्वपूर्ण मृत ज्वालामुखी हैं।
4 . मध्य अटलांटिक मेखला:
यहां दो प्लेटों के अपसरण के कारण ज्वालामुखी क्रिया होती है, जिससे कटक का निर्माण होता है। आइसलैंड, एजोर्स, सेंट हेलेना आदि।
5 . अन्तरा प्लेट ज्वालामुखी:
ये ज्वालामुखी प्लेट के अंदर स्थित हैं। इनकी उत्पत्ति का कारण गर्म स्थल (Hot Spot) माना जाता है। इसके अंतर्गत ज्वालामुखी की एक रैखिक श्रृंखला देखने को मिलती है, जिसके एक छोर पर सबसे पुराने एवं दूसरे छोर पर सबसे नये ज्वालामुखी अवस्थित हैं। उदाहरण – हवाई द्वीप।
6 . अन्य क्षेत्र:
पश्चिमी द्वीप समूह (एंटिल द्वीप माला), मेडागास्कर, मॉरीशस सहित हिंद महासागर एवं प्रशांत महासागर के कुछ क्षेत्र।
विश्व के प्रमुख ज्वालामुखी
ज्वालामुखी | देश |
कोटपैक्सी | इक्वेडोर |
मेरु | कीनिया |
पोपोकैटीपेट | मैक्सिको |
लॉकी | आइसलैंड |
मौनालोआ | हवाई द्वीप |
माउंएट्ना | सिसली (इटली) |
माउंट इरेबस | अंटार्कटिका |
सैंगे एकवेडोर | |
लैसेन पीक | संयुक्त राज्य अमेरिका |
बोजोस डेल-सैलोडो | अर्जेन्टीना (चिली) |
टैम्बोरा | इंडोनेशिया |
हेकला | आइसलैंड |
माउंट पिली | मार्टिनिक |
किलाइयू | हवाई द्वीप |
चिम्बेरेजो | इक्वेडोर |
वलकैतो | लिपारी द्वीप |
फ्यूजियामा | जापान |
क्राकाटोआ | इंडोनेशिया |
माउंट ताल | फिलीपींस |
माउंट रेनियर | संयुक्त राज्य अमेरिका |
माउंट पिनाटुबो | फिलीपींस |
किलिमंजारो | तंजानिया |
माउंट रैजल | कनाडा |
माउंट अरारात | अर्मेनिया |
कटमई | अलास्का |
एल्बुर्ज | जार्जिया |
माउंट शस्ता | संयुक्त राज्य अमेरिका |
देवबंद | पाकिस्तान |
कोह सुल्तान | ईरान |
विसूवियास | इटली |
स्ट्राम्बोली | भूमध्य सागर (इटली) |
सेंट हेलेंस | संयुक्त राज्य अमेरिका |
माउंट उनजिने | जापान |
समेरु | इंडोनेशिया |
FAQ (ज्वालामुखी से सम्बंधित सवाल और उनके जवाब):
प्रश्न 1. ज्वालामुखी कैसे किसे कहते हैं?
उत्तर : पृथ्वी की सतह पर उपस्थित ऐसी दरार या मुख होता है जिससे पृथ्वी के भीतर का गर्म लावा, गैस, राख आदि बाहर आते हैं।
प्रश्न 2. भारत में कुल कितने ज्वालामुखी है?
उत्तर : भारत में दो ज्वालामुखी है। पहला – बैरन ज्वालामुखी जो बैरन द्वीप अंडमान निकोबार दीप समूह में मध्य अण्डमान के पूर्व में अवस्थित हैं। दूसरा – नारकोंडम ज्वालामुखी जो अंडमान निकोबार दीप समूह के उत्तर अण्डमान के पूर्व में है।
प्रश्न 3. दुनिया का सबसे बड़ा ज्वालामुखी कौन सा है?
उत्तर : मौना लोआ (Mauna Loa) जो हवाई द्वीप (अमेरिका) में स्थित हैं।
प्रश्न 4. भारत का सबसे बड़ा ज्वालामुखी कौन सा है?
उत्तर : नारकंदम
प्रश्न 5. दुनिया में कितने ज्वालामुखी हैं?
उत्तर : 1500 से भी ज्यादा
प्रश्न 6. ज्वालामुखी से क्या निकलता है?
उत्तर : राख एवं लावा
प्रश्न 7. किस देश में ज्वालामुखी नहीं है?
उत्तर : वेनेजुएला
और आखिर में,
तो दोस्तों अपने इस पोस्ट में जाना कि ज्वालामुखी किसे कहते है, ज्वालामुखी कितने प्रकार के होते हैं और उनका वैश्विक वितरण कैसा है। आशा करता हूँ कि आपको ये जानकारी जरूर पसंद आयी होगा।
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