कोरिओलिस बल क्या है? | Coriolis Force in Hindi (Best Guide 2024)

कोरिओलिस बल क्या है या फेरल का नियम क्या हैं (What is Coriolis Effect), कोरिओलिस बल कैसे काम करता है एवं इसका जलवायु पर क्या प्रभाव पड़ता है? इन सभी टॉपिक्स पर आज इस लेख में हम विस्तार से चर्चा करेंगे। आईये इसे विस्तार से समझते है की कोरिओलिस प्रभाव (बल) क्या होता है?

कोरिओलिस बल क्या है?

साधारण भाषा में कहा जाये तो “पृथ्वी अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व की ओर घूर्णन कर रही हैं लेकिन उस रफ़्तार से पृथ्वी का वायुमंडल पृथ्वी के साथ घूर्णन नहीं कर पाता है। इस कारण पृथ्वी पर हवा का विक्षेपण (deflection) उत्पन्न होता है जो सामान्यतः पूर्व से पश्चिम की चलता है।” इसे कोरिओलिस प्रभाव कहा जाता है।

फ़्रांसीसी गणितज्ञ जी. जी. कोरिओलिस (1792- 1843) ने पृथ्वी की घूर्णन गति के कारण पवन में होने वाले विक्षेपण (deflection) की सर्वप्रथम व्याख्या की और इसलिए इस बल को “कोरिओलिस प्रभाव” के नाम से जाना जाता है। 

इस प्रभाव के कारण उत्तरी गोलार्ध की पवन अपनी दाहिनी ओर तथा दक्षिणी गोलार्ध की पवन बायीं ओर विक्षेपित हो जाती है। 

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कोरिओलिस बल क्या है | What is Coriolis Effect | फेरल का नियम

यह प्रभाव विषुवत रेखा (Equator) पर सबसे कम तथा ध्रुवों पर सर्वाधिक होता है। पवन का विक्षेपित होना पवन की गति और उसके अक्षांशीय स्थिति पर निर्भर करता है। इस निक्षेप को फेरल नामक विद्वान ने सिद्ध किया। इसलिए इसे फेरल का नियम भी कहा जाता है। 

कोरिओलिस प्रभाव चक्रवातों की उत्पत्ति के लिए सहायक है, क्यूंकि इस बल के अभाव में पवन व्यवस्था चक्रीय नहीं हो पाती है तथा इस बल के अभाव के कारण उष्ण कटिबंधीय चक्रवात विषुवत रेखा के निकट उत्पन्न नहीं हो पाते है। 

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कोरिओलिस बल का क्या प्रभाव होता है?

कोरिओलिस प्रभाव न सिर्फ पवन को विक्षेपित करता है बल्कि पृथ्वी की सतह से ऊपर स्थित किसी भी गतिशील वस्तु या कण का विक्षेपण इसी नियम के अंतर्गत होता है। जैसे:-

  1. उत्तरी ध्रुव से Newyork शहर की ओर 1.6 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से छोड़ी गयी मिसाइल शिकागो शहर पर गिरेगी। 
  2. 750 मीटर प्रति सेकंड की रफ़्तार से दागा गया तोप का गोला प्रत्येक 33 किलोमीटर पर 60 मीटर विक्षेपित हो जाता है। 
  3. 120 मीटर प्रति सेकंड की गति से निकली हुई बन्दूक की गोली एक सेकंड में 2.5 मीटर विक्षेपित हो जाती है। 

FAQs (कोरिओलिस बल क्या है? | Coriolis Force in Hindi):

कोरिओलिस बल क्या होता है?

पृथ्वी की घूर्णन गति के कारण पवन में होने वाले विक्षेपण (deflection) को “कोरिओलिस प्रभाव” के नाम से जाना जाता है। इस प्रभाव के कारण उत्तरी गोलार्ध की पवन अपनी दाहिनी ओर तथा दक्षिणी गोलार्ध की पवन बायीं ओर विक्षेपित हो जाती है। 

ध्रुव में कोरिओलिस बल अधिक क्यों होता है?

यहाँ पवन का वेग अधिक होने पर विक्षेपण अधिक होता है।

कोरिओलिस बल का पृथ्वी पर क्या प्रभाव पड़ता है?

यह बल पृथ्वी की सतह पर गतिमान वस्तुओं को विक्षेपित करता है, जिससे वे अपने पथ से दूर हो जाते हैं.

कोरिओलिस बल कैसे उत्पन्न होता है?

पृथ्वी का अपनी धुरी पर घूमना पवन की दिशा को प्रभावित करता है और इस बल को कोरिओलिस बल कहा जाता है।

पृथ्वी को कौन सा बल घुमाता है?

गुरुत्वीय आकर्षण बल 

कोरिओलिस बल सबसे बड़ा कहां है?

उत्तरी ध्रुव एवं दक्षिणी ध्रुव

कोरिओलिस प्रभाव किसका परिणाम है?

पृथ्वी के घूर्णन का परिणाम है।

कोरिओलिस प्रभाव की खोज कब हुई थी?

फ़्रांसीसी गणितज्ञ जी. जी. कोरिओलिस (1792- 1843) ने पृथ्वी की घूर्णन गति के कारण पवन में होने वाले विक्षेपण (कोरिओलिस प्रभाव) की सर्वप्रथम व्याख्या की।

पृथ्वी पर सबसे शक्तिशाली बल कौन है?

गुरुत्वाकर्षण बल

कोरिओलिस बल का दूसरा शब्द क्या है?इसे विक्षेपक बल भी कहा जाता है।

इसे विक्षेपक बल भी कहा जाता है।

कोरिओलिस बल के संस्थापक कौन है?

गैसपार्ड-गुस्ताव डी कोरिओलिस 

अंत में,
उम्मीद करता हूँ कि अब आपको अच्छे से समझ में आ गया होगा कि कोरिओलिस प्रभाव क्या है या फेरल का नियम क्या है। अगर ये जानकारी आपको पसंद आयी हो तो इसे अपने दोस्तों में शेयर जरूर करे। यदि आपके कोई सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके जरूर बताये। इस ब्लॉग पर विजिट करने के लिए आपका शुक्रिया। 

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Rakesh Verma

Rakesh Verma is a Blogger, Affiliate Marketer and passionate about Stock Photography.

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