Ghost Story in Hindi for Child (बच्चों की भूतिया कहानी)

चाँद पर एक चुड़ैल

एक बार दो साइंटिस्ट अपने एक सीक्रेट मिशन के लिए एक गांव में गए। उनका प्लान था चन्द्रमा पर रॉकेट भेजकर वहां से कीमती हीरे लाना।

लेकिन वे दोनों नहीं चाहते थे कि उनके इस प्लान के बारे में सरकार को पता चले। इसलिए उन्होंने शहर से दूर एक गांव के पास जंगल में अपनी एक लैब बनाई और अपने काम में जुट गए।

एक दिन पास के गांव से एक भोलू नाम का आदमी जंगल की ओर घूमने जाता है और वहां उसने देखा कि जंगल के बीचो बीच किसी ने एक लैब बनायीं हुई हैं।

इसलिए उत्सुकतावश भोलू उस लैब पे पास गया और उसने वहां दो आदमियों को देखा। वे दोनों लैब में चुपके चुपके बातें कर रहे थे। भोलू अब चुपचाप उनकी बातें सुनने लगा।

तभी एक साइंटिस्ट दूसरे साइंटिस्ट से कहता है – “देखो अब हमें रॉकेट लॉन्च करने में ज्यादा देर नहीं करनी चाहिए नहीं तो किसी को भी हमारे इस प्लान के बारे में पता चल गया तो सब चौपट हो जायेगा।”

दूसरा साइंटिस्ट – “हां बॉस तुम सही कहते हो। हम आज रात को ही इस राकेट को लांच करने वाले हैं। अब तुम देखना हम जल्दी ही मालामाल होने वाले हैं।”

भोलू उनकी बातें सुनकर चुपचाप वहां से निकलकर वापस गांव में आ जाता हैं और जाकर अपने दोस्त मंगू को वो सारी बात बता देता हैं। इस पर मंगू ने कहा – “भोलू ये तो तुम आज बहुत ही मजेदार बात बता रहे हो।

चलो अब हम भी चुपके से जाकर उस राकेट में बैठ जाते जाते हैं , हम भी वहां से खूब सारे हीरे अपने साथ ले आएंगे और इस तरह हम भी मालामाल हो जायेंगे।”

अब वे दोनों वापस जंगल में जाते हैं और चुपके से राकेट में बैठ जाते हैं। तभी एक साइंटिस्ट ने बटन दबाया और रॉकेट को लांच कर दिया दिया।

ये देखकर मंगू और भोलू दोनों बड़े खुश हुए कि अब तो हम जल्दी ही अमीर होने वाले हैं।

थोड़ी देर बाद रॉकेट अंतरिक्ष में प्रवेश कर जाता हैं।

मंगू – (खिड़की से देखते हुए) अरे ओ भोलू!! देखो वो रही हमारी धरती। कितनी सुन्दर दिखाई दे रही हैं। अरे वो देखो चाँद, वो भी कितना बड़ा और चमकदार दिखाई देने लगा हैं।

भोलू – अरे अब हम चाँद के नजदीक जा रहे हैं। मंगू जल्दी से हेलमेट पहन लो क्यूंकि चाँद पे ऑक्सीजन नहीं होती हैं न!!

थोड़ी देर बाद राकेट चाँद पर उत्तर जाता हैं।

अब वे दोनों रॉकेट से बाहर निकले। वहां उन्होंने बहुत सारे हीरे जमीन पड़े देखे तो उनकी ख़ुशी दोगुनी हो गयी।

अब वे दोनों जल्दी जल्दी हीरों को उठाने लगे और एक बड़े से थैले में भरने लगे।

तभी अचानक पास के एक गड्डे से भयंकर गर्जना के साथ एक चुड़ैल बाहर आयी और कहने लगी – “कौन हो तुम ?…… और मेरे खजाने को हाथ लगाने की तुमने हिम्मत कैसे की??…… अब तुम दोनों मुझसे बच नहीं सकते, मैं तुम दोनों को कच्चा चबा जाऊंगी।”

ये देखकर दोनों डर के मारे कांपने लगे और सारे हीरे वहीं छोड़कर भागे भागे गए दोनों वापस राकेट में बैठ गए।

मंगू – हे भगवान हमने ये कैसी मुसीबत मोल ले ली। उन कमीने साइंटिस्टों को चाँद के हीरे तो नजर आ गए लेकिन इतनी बड़ी चुड़ैल कैसे नजर नहीं आयी??

भोलू – “हां मंगू हीरों के लालच में अभी हम दोनों उस चुड़ैल का निवाला बन जाते। दुआ करो अब जल्दी से वो साइंटिस्ट इस राकेट को वापस धरती पर बुला ले।”

अचानक साइंटिस्टों ने बटन दबाया और राकेट वापस पृथ्वी की ओर चल पड़ा। ये देखकर दोनों की जान में जान आई।

थोड़ी देर में राकेट वापस धरती पे उतर गया। इधर वे दोनों साइंटिस्ट इसी बात का इन्तजार कर रहे थे कि कब राकेट वापस धरती पर आये और साथ में हीरे भी लाये।

जब उन्होंने राकेट का दरवाजा खोलकर देखा तो उनके होश उड़ गए, वहां पहले से ही दो अजनबी बैठे हुए थे।

दोनों ने कहा – हमें माफ़ कर दीजिये सर!! हम खजाने के लालच में इस राकेट में बैठ गए थे। और जब राकेट चाँद पर पहुंचा तो वहां हीरों के साथ एक भयानक चुड़ैल भी दिखाई दी। उसे देखकर हम सारे हीरे वहीं छोड़ आये और जैसे तैसे जान बचाकर वापस आ पाए हैं।”

साइंटिस्टों ने कहा – “अच्छा……!!! इसका मतलब हमारा अंदाजा सही था कि वहां हीरों का भंडार हैं। लेकिन अब हम तुम दोनों को तभी छोड़ेंगे जब तुम वापस जाकर उन हीरो को साथ लेकर आओगे।”

भोलू – ये तुम क्या कह रहे हो साइंटिस्ट भाई? हम वहां से हीरे कभी नहीं ला सकते उस चुड़ैल के रहते।”

एक साइंटिस्ट – अब ये तुम्हारी परेशानी हैं, तुम कैसे भी करो बस हीरे लेकर ही वापस आना।…… ठीक हैं !!!”

ऐसा कहकर साइंटिस्ट उन दोनों को वापस राकेट में बैठा देते हैं और फिर बटन दबाकर राकेट को चाँद की ओर रवाना कर देते हैं।

थोड़ी देर बाद राकेट फिर चाँद पर उसी जगह उतर जाता है। इधर वे दोनों बहुद डरे हुए थे फिर भी जैसे तैसे हिम्मत जुटाकर वो राकेट से बहार निकले और जल्दी जल्दी हीरे इक्क्ठे करने लगे। तभी अचानक वो भयानक चुड़ैल फिर गड्डे से बाहर आयी।

ये देखकर मंगू और भोलू दोनों डर के मारे थोड़े बहुत हीरे साथ लेकर वापस राकेट में जा बैठे और दरवाजा बंद कर लिया।

तभी वो चुड़ैल खिड़की के पास आकर बोली – नहीं तुम मेरे हिरे नहीं ले जा सकते। मैं तुम्हें अब वापस नहीं जाने दूंगी। मैं अभी यहीं तुम दोनों का काम तमाम कर दूंगी। ऐसा कहकर चुड़ैल जोर जोर से राकेट का दरवाजा पीटने लगी।

तभी राकेट उड़ने लगता हैं। लेकिन ये क्या अब वो चुड़ैल राकेट को पकड़ कर ही उसके साथ में उड़ने लगी। ये देखकर भोलू ने कहा – “देख रहे हो मंगू!!! वो चुड़ैल अब हमारा पीछा नहीं छोड़ रही हैं। देखो बाहर वो राकेट के साथ ही उड़ रही हैं। अब क्या करें हम?”

मंगू – हां लगता है ये चुड़ैल अब हमारे साथ ही धरती पर जाएगी। अगर ऐसा हुआ तो फिर ये हमें वहां मार डालेगी। अब क्या करें।

तभी भोलू ने देखा कि राकेट में एक फ़ोन भी हैं। उसने जल्दी से फ़ोन घुमाया और उधर एक साइंटिस्ट बोला – “क्या प्रॉब्लम हैं, तुमने हीरे लिए या नहीं?”

भोलू – हां साइंटिस्ट भाई ……!!! हमने हीरे ले लिए हैं लेकिन अब वो चुड़ैल हमारा पीछा नहीं छोड़ रही हैं। अब वो इस राकेट के साथ ही उड़ रही हैं और हमारे साथ ही धरती पर आ रही हैं। अब हमें बचा लो साइंटिस्ट भाई !!!

साइंटिस्ट – नहीं नहीं !! अगर ऐसा हैं तो फिर हम तुम्हें अब वापस धरती पर नहीं आने दे सकते। नहीं तो वो चुड़ैल हमें भी जिन्दा नहीं छोड़ेगी।

ऐसा कहकर साइंटिस्ट ने राकेट को मंगल की तरफ मोड़ दिया। अब राकेट मंगल की ओर जाने लगा।

थोड़ी देर बाद मंगू ने कहा – ‘ये क्या भोलू अब हम धरती की तरफ नहीं मंगल की ओर जा रहे हैं। वो साइंटिस्ट नहीं चाहते कि हम उस चुड़ैल के साथ धरती पर वापस आये।

भोलू – “हां भाई और अब तो हमारी ओक्सीज़न भी लगातार कम होती जा रही हैं। हम तो अब वैसे भी मरने वाले हैं। तो क्यों न इस चुड़ैल की बिरादरी में शामिल हो जाये?”

मंगू – “हां ऐसा ही करना ठीक रहेगा शायद।”

तभी भोलू खिड़की के पास गया और चुड़ैल से बोला -” हैं चुड़ैल रानी !! अब हमारी ऑक्सीज़न खत्म होती जा रही है। हम तो वैसे भी मरेंगे, इससे तो अच्छा हैं कि तुम हमें भी अपने जैसा ही बना दो। ताकि हम आराम से तुम्हारे साथ इस ग्रह पर रह सके।”

चुड़ैल – ह ह ह ह ………. ये तो बहुत अच्छी बात हैं। अगर तुम मेरी बिरादरी में शामिल होना चाहते हो तो मुझे भी बड़ी ख़ुशी होगी। मैं भी अकेले रह रह कर थक चुकी हूँ। चलो अब जल्दी से बाहर आओ। मैं अभी तुम दोनों को भूत बना देती हूँ।

थोड़ी देर बाद राकेट मंगल पर उतर जाता हैं।

इसके बाद वे दोनों राकेट से बाहर निकले और उस चुड़ैल ने अपने जहरीले दांतो से काटकर उन्हें भी भूत बना दिया। अब वे भी बेहद डरावने खतरनाक दिखाई देने लगे।

ये देखकर दोनों बहुत खुश हुए कि चलो अब न तो इस चुड़ैल से डरने की जरुरत हैं और हमें ऑक्सीज़न की भी कोई जरुरत नहीं पड़ेगी।

भोलू – “मंगू भाई ये सब उन कमीने साइंटिस्टों की वजह से हुआ हैं उन्होंने हमारे साथ धोखा किया हैं। अब हम उन्हें जिन्दा नहीं छोड़ेंगे। चलो अब वापस धरती की ओर चलो।”

मंगू – “लेकिन भाई हमें राकेट थोड़े चलाना आता हैं। तो फिर हम धरती पे कैसे जा पाएंगे?”

तभी चुड़ैल ने कहा -“मेरे पास एक तरकीब हैं। तुम दोनों फिर से राकेट में बैठ जाओ और मैं अपनी ताकत से इस राकेट को धक्का लगाती हूँ।”

इसके बाद मंगू और भोलू दोनों राकेट में बैठ जाते हैं और वो चुड़ैल अपनी शक्ति से उस राकेट को धक्का लगाती हैं और राकेट को धरती की और मोड़ देती हैं। अब राकेट वापस धरती की तरफ जाने लगता हैं।

राकेट को वापस आता देख दोनों साइंटिस्ट डर के मारे लैब छोड़कर भाग जाते हैं।

अब राकेट फिर से धरती पे उतरा और वे तीनों भी बाहर निकले। बाहर का सुंदर और घना अँधेरा देखकर वो चुड़ैल उन घने जंगल में चली जाती हैं।

इधर मंगू और भोलू दोनों उस लैब में गए तो वहां उन्हें कोई दिखाई नहीं दिया।

मंगू – “लगता हैं उन साइंटिस्टों को हमारे आने की खबर लग गई हैं। इसलिए वो पहले ही यहाँ से बचके भाग गए हैं।” शायद वे दोनों गांव की ओर ही गए होंगे। चलो अब हम भी उधर ही चले।

जब वे दोनों गांव में गए तो गांव के लोग उन्हें देखकर डरके मारे भागने लगे।

ये देखकर मंगू बोला – “अरे भाई हमसे डर के क्यों भाग रहे हो, क्या तुमने हमे नहीं पहचाना? देखो मैं तुम्हारे ही गांव का मंगू हूँ और ये भोलू हैं।”

भोला – ” अरे मंगू !! क्या तुम भूल गए हो कि अब हम आम इंसान नहीं रहे, अब हम भूत बन गए हैं। तभी तो गांववाले हमसे डरके भाग रहे हैं।”

इधर दोनों साइंटिस्ट भागते हुए गांव के मुखिया के पास गए और बोले – ” देखो मुखिया जी इस गांव पे दो भूतों ने हमला कर दिया हैं। इसलिए अब हम सबको मिलकर उनका मुकाबला करना होगा।”

मुखिया – “तुम चिंता मत करो, मैं अभी गांव के कुछ लठैतों को तैयार करता हूँ।”

थोड़ी ही देर में गांव के कुछ लोग लाठियां लेकर उन भूतों का पीछा करने लगे।

जब ये बात मंगू और भोलू को पता चली तो वे दोनों अपनी जान बचाकर भागने लगे और एक खाली घर में जाकर छुप गये।

अब दोनों साइंटिस्ट गाँववालों के साथ उन्हें ढूंढ़ते ढूंढ़ते उस घर तक जा पहुंचे और दोनों को जान से मारने की धमकी देने लगे।

भोलू – “अरे…….. मंगू भाई!! ये दोनों साइंटिस्ट तो बहुत चालाक निकले। अब हम यहाँ से बाहर कैसे निकले? अब हम ज्यादा देर अंदर नहीं रह सकते। अब हम क्या करें?”

मुखिया – भाइयों मुझे लगता हैं कि ये दोनों अब ऐसे बाहर नहीं आने वाले। चलो हम इस घर को ही आग लगा देते हैं फिर ये दोनों भूत आग में जल कर मर जायेंगे।

तभी गांव वालों ने जंगल की तरफ से बेहद डरावनी आवाजें सुनी। वो उस चुड़ैल की आवाजें थी।

तभी चुड़ैल उस घने जंगल से बाहर निकली और सीधे ही गाँववालों की तरफ गई।

गाँववालों ने जब चुड़ैल को अपनी तरफ आते देखा तो वे सब फिर से अपनी जान बचाकर भागने लगे। लेकिन चुड़ैल ने उन दोनों साइंटिस्टों को पकड़ लिया और गर्दन मरोड़कर मार दिया।

इस प्रकार उन दोनों साइंटिस्टों को अपने किये की सजा मिल चुकी थी।

-: कहानी समाप्त :-

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By Rakesh Verma

Rakesh Verma is a Blogger, Affiliate Marketer and passionate about Stock Photography.

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