घमंडी हाथी और चींटी की कहानी

एक जंगल में एक हाथी रहता था। उसे अपनी ताकत पर बहुत घमंड था और इसी घमंड में चूर होकर हाथी पूरे जंगल में उत्पात मचाता फिरता और जंगल में सीधे सादे जानवरों को परेशान करता रहता।

एक बार उसने पेड़ पर बैठी एक चिड़िया से कहा कि हैं चिड़िया क्या तुम्हे नहीं पता कि इस जंगल में मैं सबसे ताकतवर हूँ। इसलिए तुम्हें मेरे सामने झुकना चाहिए!!

तो चिड़िया ने हाथी के सामने झुकने से इंकार कर दिया। इस बात से हाथी को इतना गुस्सा आया कि गुस्से में उसने पूरा पेड़ ही उखाड़ फेंका और बेचारी चिड़िया ने उड़कर अपनी जान बचाई।

इस तरह एक दिन घमंडी हाथी टहलते हुए नदी के किनारे पहुंचा। वहां उसे एक चींटी दिखाई दी तो हाथी ने उससे कहा – अरे तुम कितनी छोटी सी हो, तुम्हारा तो जीवन जीना ही बेकार है और अगर मैं चाहू तो तुम्हें फूंक मारकर ही उड़ा सकता हूँ।

चींटी ने कहा – अपनी ताकत पर इतना घमंड करना अच्छी बात नहीं। अगर इतने ही ताकतवर हो तो किसी की मदद क्यों नहीं करते तुम।

चींटी की बात सुनकर हाथी गुस्से में बोला – क्या कहा ? अब तुम सिखाऊंगी मुझे अपनी ताकत का इस्तेमाल करना!! मेरी मर्जी मैं कुछ भी करू।

तभी वहां पर जोरो की बारिश शुरू हो जाती हैं। चींटी ने हाथी से कहा कि छोड़ो ये बातें अब जल्दी से किसी सुरक्षित जगह पर चलते हैं। इसके बाद वे दोनों एक नजदीकी गुफा में छुप जाते हैं।

गुफा में जाने के बाद हाथी चींटी से कहता हैं कि लो देखो!!! अब मैं तुम्हें अपनी ताकत का कमाल दिखाता हूँ।

ऐसा कहकर हाथी ने जोर से जमीन पर पैर मारा। तभी जोरदार कम्पन्न के साथ एक बड़ा सा पत्थर गुफा के द्वार पर आकर गिरा जिसके कारण गुफा का दरवाजा बिल्कुल बंद हो गया।

चींटी ने कहा – “ये तुमने क्या किया? अब हम इस गुफा से बाहर कैसे निकलेंगे।”

हाथी ने कहा- क्यों चिंता करती हो। शायद अब भी तुम्हें मेरी ताकत का अंदाजा नहीं हैं। ये देखो अब मैं कैसे इस पत्थर को अपनी ताकत से हटाता हू।

ये कहकर हाथी उस बड़े से पत्थर को हटाने लगता है लेकिन काफी कोशिश करने पर भी वो पत्थर को टस से मस न कर सका।

आखिरकार थक हारकर हाथी ने चींटी से कहा कि मैंने काफी कोशिश कर ली हैं इस पत्थर को हटाने की लेकिन मैं इसे हिला भी नहीं पा रहा हूँ। अब हम इस गुफा से बाहर कैसे निकलेंगे?

तो चींटी बोली – हम नहीं केवल तुम। मैं तो बहुत छोटी सी हूँ। इसलिए मैं तो किसी भी छोटे से छेद से बाहर जा सकती हूँ। अब तुम्हारी तुम जानो।

चींटी की बात सुनकर हाथी परेशान होकर बोला। मुझे माफ़ कर दो चींटी रानी। मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गयी। कृपया अब तुम्हीं कुछ उपाय सोचो और मुझे भी यहाँ से बाहर निकालो।

चींटी कुछ सोचकर कहती हैं -ठीक हैं पहले मुझे यहाँ से बाहर जाने दो। उसके बाद मैं कुछ करती हूँ।

घमंडी हाथी और चींटी की कहानी
घमंडी हाथी और चींटी की कहानी

इसके बाद चींटी एक छोटे से छेद में से होकर गुफा से बाहर आ गयी। अब वो जंगल में हाथी के अन्य दोस्तों को बुलाकर लाती हैं। इसके बाद हाथी के दोस्तों ने मिलकर उस पत्थर को वहां से हटा दिया और उस घमंडी हाथी को बाहर निकाल लिया।

बाहर आते ही घमंडी हाथी ने सबसे माफ़ी मांगी और आगे से किसी को भी न सताने का वादा किया।

कहानी से शिक्षा : कभी भी अपनी शक्तियों पर घमंड नहीं करना चाहिए।

अंत में,

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By Rakesh Verma

Rakesh Verma is a Blogger, Affiliate Marketer and passionate about Stock Photography.

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