आपने GPS का नाम तो जरूर सुना ही होगा और शायद आपने मोबाइल में इसका use किया भी होगा। यदि फिर भी आपको GPS के बारे में ज्यादा नहीं पता तो आप ये आर्टिकल पूरा जरूर पढ़े ताकि आपको GPS की और बेहतर जानकारी प्राप्त हो सकें।
इस पोस्ट में आप जानेंगे कि GPS Kya Hai और GPS Kaise Kaam Karta Hai? तो आइये जानते हैं कि GPS Kya Hota Hai?
GPS Ka Full Form Kya Hai?
जीपीएस (GPS) का full form होता हैं – Global Positioning System अर्थात ‘वैश्विक स्थान निर्धारण प्रणाली’
GPS Kya Hai?
जैसा कि अभी आपने जाना कि GPS एक Global Positioning System अर्थात ‘वैश्विक स्थान निर्धारण प्रणाली’ हैं और इस technology का इस्तेमाल आजकल पूरी दुनिया में किया जाने लगा हैं।
GPS technology द्वारा हम पृथ्वी पर अपनी real time location का पता लगा सकते हैं, किसी एक स्थान से दूसरे स्थान की दूरी, किसी जगह के सूर्योदय और सूर्यास्त का समय पता कर सकते हैं।
इसके साथ ही इस technology का इस्तेमाल जमीन का Survey करने, नक्शा बनाने, commercial कार्य जैसे ऑनलाइन food delivery (Zomato, Swiggy आदि), हवाई जहाज, कार, रेल एवं बस सेवा में रास्ता ढूंढ़ने, online e-commerce sites (जैसे -amazon, filpkart) द्वारा product को अपने customer के घर तक पहुँचाने , Scientific Work, किसी भी व्यक्ति की Tracking and Surveillance एवं Geocaching आदि के लिए भी खूब किया जाने लगा हैं।
GPS Technology का इतिहास:
GPS technology का आविष्कार सर्वप्रथम 1960 के दशक में US Navy द्वारा परमाणु मिसाइल ले जाने वाली अमेरिकी पनडुब्बियों (Submarines) को track करने के लिए किया गया था। शुरुआती समय में ध्रुवों की परिक्रमा करने वाले 6 satellites के साथ ये प्रणाली शुरू की गयी।
वर्ष 1978 में इस system को और ज्यादा मजबूत और स्थिर satellite navigation system बनाने के लिए अमेरिकी रक्षा विभाग (DoD) द्वारा टाइमिंग एंड रेंजिंग (NAVSTAR) उपग्रह के साथ अपना पहला नेविगेशन सिस्टम लॉन्च किया। इसके बाद वर्ष 1993 में 24 उपग्रह प्रणाली पूरी तरह से चालू हो गई।
वर्तमान में इस प्रणाली में 50 से भी ज्यादा GPS satellites कार्यरत हैं जो पूरी तरह से अमेरिकी सरकार द्वारा कण्ट्रोल किये जाते हैं।
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GPS Kaise Kaam Karta Hai?
इस टेक्नोलॉजी में पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किये GPS satellites एक समूह में कार्य करते हैं एवं ये satellites लगातार पृथ्वी की ओर signal भेजते रहते हैं। इन signals को receive करने के लिए एक receiver की जरुरत होती हैं यानि GPS उपकरण की जरुरत होती हैं।
इसमें आपका मोबाइल भी एक receiver की तरह काम करता हैं क्यूंकि आप भी अपने smart phone में इस GPS system की मदद से Google Map का इस्तेमाल करते हैं। ये Google Map, GPS system की मदद से ही काम करता हैं।
ये receiver बेहतर गणना के लिए एक बार में चार satellites का उपयोग करता हैं जिससे किसी भी व्यक्ति या स्थान की location, speed एवं distance का एक एकदम सटीक अनुमान लगाया जाता हैं।
GPS तीन क्षेत्रों से मिलकर बना हैं – Space Segment, Control Segment, User Segment.
1. Space Segment (GPS Satellites):
इसके अंतर्गत पृथ्वी की 6 कक्षाओं (orbit) में स्थापित किये गए सभी GPS Satellites आते हैं जो पृथ्वी की सतह से लगभग 20,000 कि.मी. की ऊंचाई पर लगातार चक्कर लगाते रहते हैं और signals भेजते रहते हैं।
2. Control Segment (Control Station):
सभी GPS Satellites को control, monitoring एवं उन्हें maintain करने का सारा काम इसी Control Station का होता हैं।
3. User Segment (GPS Receivers):
इसके अंतर्गत दुनियाभर के सभी Receivers यानि GPS Devices आते हैं जो GPS Satellites द्वारा भेजे गए signals को receive करके उसे यूजर के अनुसार दिखाते हैं।
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Mobile Me GPS Kaise Chalaye?
सबसे पहले आपको अपने फोन का इंटरनेट डाटा ऑन कर लेना हैं। इसके बाद अपने मोबाइल में GPS चलाने के लिए आप मोबाइल की My Google एप्लीकेशन में जाये और उसमे Maps पर क्लिक करके उसे ओपन करें।
इसके बाद ये आपसे आपके mobile device की location on करने को कहेगा। तो अब आपको इसे ok बटन पर क्लिक करना हैं। इसके बिना आप मोबाइल में GPS यूज़ नहीं कर पाओगे।
ok पर क्लिक करने के बाद अब आपके मोबाइल में Google Map ओपन हो जायेगा। अब इसमें आप अपनी current location चेक कर सकते हैं, दुनियां के किसी भी जगह का sattelite map देख सकते हैं।
ड्राइविंग करते समय इसके सहायता से आप किसी भी location पर पहुँचने का रास्ता पता कर सकते हैं। उसके लिए बस आपको ऊपर search bar में अपने गंतव्य (destination) का नाम लिखकर सर्च करना हैं बस।
इसके बाद screen पर आपको अपनी current location से destination तक पूरा रास्ता map के द्वारा बता दिया जायेगा जिसे आप follow करते हुए वहां तक आसानी से पहुंच सकते हो।
GPS का महत्व:
जब से GPS Technology अस्तित्व में आयी हैं तब से दिनों दिन इसका महत्व बढ़ता ही जा रहा हैं। जहां शरुआती दौर में इस technology का use सिर्फ सैन्य कार्यों के लिए ही किया जाता था वहीं अब ये आम जनता के लिए भी बिल्कुल free में उपलब्ध हैं। यानि इसके लिए हम हमें किसी भी प्रकार का subscription और charges नहीं देने पड़ते हैं।
आजकल कई छोटी बड़ी नागरिक सेवाओं में भी इस GPS Technology का इस्तेमाल होने लगा हैं। जैसे – रेल, बस हवाई जहाज, transportation, आदि।
इसके साथ ही कई प्रकार के आपदा राहत कार्यो (Disaster Management), Traffic Control, Geological Survey, mapping, City and Urban Development, Commercial Work आदि के लिए भी किया जाने लगा हैं।
India के पास भी हैं अपना देशी GPS:
अभी कुछ ही वर्षों पहले भारत ने भी अपनी खुद की क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली यानि NaVIC (Navigation with Indian Constellation) की शुरुआत की हैं जिसे हम स्वदेशी GPS भी कह सकते हैं। इसे ये नाम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारतीय मछुआरों को समर्पित करते हुए ही रखा गया हैं।
हालाँकि ये GPS की तरह globally work नहीं करता हैं क्यूंकि इसे सिर्फ भारत के लिए बनाया गया हैं किन्तु ये भारत की सीमा के बाहर भी लगभग 1500 किमी तक के क्षेत्र तक अपनी सेवाएं पहुंचा सकता हैं।
ये एक 7 उपग्रहीय प्रणाली हैं जिसके अंतर्गत 4 उपग्रह information यानि output भेजने का काम करेंगे और बाकि तीन उस उपग्रह information को और ज्यादा सटीक बनाने का काम करेंगे। ये GPS की तुलना में ज्यादा सटीक माना गया हैं।
NaVIC का उपयोग नौवहन की जानकारी, Map बनाने, मोबाइल फ़ोन services के लिए, traffic का पता लगाने, Disaster Management (आपदा प्रबंधन), हवाई सेवाओं, समय की सटीक जानकारी प्राप्त करना आदि के लिए किया जायेगा।
आज आपने क्या सीखा?
लेख में आपने जाना कि GPS Kya Hota Hai, GPS Ka Full Form Kya Hai, GPS Kaise Kaam Karta Hai? और साथ ही आपने भारतीय NaVIC सिस्टम के बारे में भी जानकारी प्राप्त की।
अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों और फॅमिली मेंबर्स के साथ शेयर जरूर करें। साथ ही अगर आपके कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर बताये।
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